2000 रुपए मूल्यवर्ग के नोट की छपाई को बंद करने को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। सरकार ने शनिवार को संसद में यह जानकारी दी है। लोकसभा में एक लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि किसी खास मूल्यवर्ग के नोटों की प्रिटिंग का फैसला सरकार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से सलाह के बाद लेती है।
वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21 में 2000 के नोट की छपाई नहीं
वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21 में 2000 रुपए मूल्यवर्ग के नोट की छपाई के लिए कोई मांग पत्र नहीं भेजा गया। हालांकि, सरकार ने इन नोटों की छपाई को बंद करने को लेकर कोई फैसला नहीं किया है। ठाकुर ने सदन को बदाया कि 31 मार्च 2020 तक 2000 मूल्यवर्ग के 27,398 नोट सर्कुलेशन में थे। जबकि मार्च 2019 तक 32,910 नोट सर्कुलेशन में थे।
लॉकडाउन के कारण बंद रही नोटों की छपाई
केंद्रीय मंत्री ने आरबीआई के हवाले से कहा कि कोविड-19 के कारण लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के चलते नोटों की छपाई बंद रही थी। हालांकि, बाद में केंद्र/राज्य सरकारों की ओर से जारी गाइडलाइंस के अनुसार अलग-अलग फेज में प्रिटिंग को शुरू किया गया। मंत्री ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (बीआरबीएलएसपीएल) में 23 मार्च 2020 को नोटों की छपाई बंद की गई थी, जो 4 मई 2020 से फिर से शुरू हो गई।
लॉकडाउन में स्टॉक से उपलब्ध कराए गए नोट
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान प्रिटिंग प्रेस के स्टॉक से आरबीआई के कार्यालयों और करेंसी चेस्ट को नोटों की आपूर्ति की गई। यह आपूर्ति भारतीय रेलवे के ट्रेजरी वैगन के जरिए बिना किसी बाधा की गई थी। एक अन्य सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बैंकिंग मैकेनिज्म की सख्त मॉनिटरिंग की वजह से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में वित्त वर्ष 2019-20 में फ्रॉड की राशि घटकर 0.15 फीसदी पर आ गई है। 2013-14 में 0.96 फीसदी के साथ यह पीक पर थी।