भोपाल। मध्य प्रदेश के उज्जैन में पदस्थ सीएसपी ऋतु केवरे को भाजपा नेता से पंगा लेना महंगा पड़ गया। भाजपा नेता ने उन्हें ट्रांसफर कराने की धमकी दी थी और 48 घंटे के भीतर सीएसपी रितु केवरे का ट्रांसफर हो गया। जवाब में ऋतु केवरे ने भाजपा नेता को नेतागिरी भुलाने की धमकी दी थी।
उज्जैन में सीएसपी ऋतु केवरे का किस भाजपा नेता से विवाद हुआ था
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के किसानों के खाते में बीमा राशि ट्रांसफर करने के लिए उज्जैन में एक भव्य सरकारी कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उज्जैन आए थे। विमानतल पर मुख्यमंत्री का स्वागत करने वालों की लिस्ट भारतीय जनता पार्टी की ओर से पुलिस प्रशासन को दी गई थी। इसी दौरान भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं उज्जैन विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष जगदीश अग्रवाल अपने साथी ओम अग्रवाल को अंदर ले जाने की कोशिश करने लगे। जब पुलिस ने ओम अग्रवाल को रोका तो विवाद शुरू हो गया।
विवाद टीआई और पूर्व पार्षद के बीच हुआ था। दोनों के बीच हाथापाई शुरू हो गई थी।
सीएसपी रितु केवरे मामले को शांत कराने आई। इसी विवाद के दौरान जगदीश अग्रवाल ने सीएसपी रितु हो ट्रांसफर कराने की धमकी दी थी। बात जब बढ़ने लगी तो एडिशनल एसपी अमरेंद्र सिंह ने मोर्चा संभाला और दोनों पक्षों को अलग किया, जिसके बाद घटना को अभी 48 घंटे भी नहीं बीते थे कि 19 सितंबर की शाम सीएसपी रितू केवरे का ट्रांसफर ग्वालियर कर दिया गया।
सीएसपी ऋतु केवरे का उज्जैन से ट्रांसफर क्यों किया गया
दरअसल, ट्रांसफर के पीछे भाजपा नेता से विवाद नहीं बल्कि विवाद के बाद दिया गया बयान है। राजनीति से जुड़े लोग प्रशासनिक अधिकारियों को ट्रांसफर कराने की धमकी आए दिन देते रहते हैं। यह इतना गंभीर मामला नहीं जिसके लिए मीडिया में बयान बाजी की जाए। पुलिस डिपार्टमेंट में अनुशासन अनिवार्य है। शायद यही कारण है कि ट्रांसफर किया गया। सीएसपी ऋतु केवरे ग्वालियर भेजा गया है जहां नेता तो नेता नेताओं के छोटे-छोटे समर्थक भी बात-बात पर धमकी दिया करते हैं।