मध्य प्रदेश के चौरई ब्लॉक के छिंदवाड़ा एसडीएम सीपी पटेल के मुंह पर कालिख पोतने के विरोध में अब मध्य प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा के सभी अधिकारी (डिप्टी कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, अपर कलेक्टर) तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक संघ, पटवारी संघ समेत प्रदेश के 60 हजार अधिकारी और कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इससे सबसे ज्यादा आम लोगों को परेशानी होने वाली है।
सोमवार से आय प्रमाण पत्र से लेकर जाति प्रमाण पत्र और बाढ़ से होने वाले नुकसान का सर्वे तक सभी सरकारी काम नहीं होंगे। इस हड़ताल को कई और संगठनों का भी समर्थन है। कर्मचारियों का आरोप है कि राजनीतिक दल सिर्फ चर्चा में आने के लिए इस तरह की बदसलूकी करते हैं। इसी कारण अब आमजनों की तरह ही राजनीतिक पार्टियों को भी ज्ञापन कोर्ट में आकर ही अकेले देना होगा। भीड़ में जाकर किसी तरह के ज्ञापन नहीं लिए जाएंगे।
हमें सुरक्षा मिलना जरूरी
मध्य प्रदेश प्रशासनिक सेवा संघ के अध्यक्ष जीपी माली ने कहा कि प्रदेश में लगातार इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं। कहीं यह नियम नहीं है कि भीड़ में जाकर ज्ञापन लिया जाए। जिस तरह सामान्य लोग सामान्य तरीके से आकर ज्ञापन देते हैं, उसी तरह अब इस तरह के प्रदर्शन के बाद प्रतिनिधिमंडल आकर ज्ञापन दें। बस, हम इतना ही चाहते हैं। यह किसी दल के खिलाफ नहीं है। यह व्यवस्था के खिलाफ हड़ताल है। हम नियमानुसार कार्य करते हैं, लेकिन हमेशा हम ही निशाना बनते हैं।
सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, निशाना कर्मचारी ही
कर्मचारियों ने कहा कि प्रदर्शन चाहे सत्ता पक्ष का हो या विपक्ष का- निशाना सिर्फ कर्मचारी और अधिकारी ही बनते हैं। पिछली सरकार में भांडेर में इसी तरह की घटना हो चुकी है। दो दिन पहले उज्जैन में पुलिस अधिकारी से बदसलूकी हुई, लेकिन उनका ही तबादला कर दिया गया। राजनीतिक दबाव के कारण कर्मचारी और अधिकारी विरोध नहीं कर सकते हैं, इसलिए उनका फायदा उठाया जाता है।
जेल जा चुका है आरोपी नेता
छिंदवाड़ा में शुक्रवार को बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ नेता बंटी पटेल और पूर्व विधायक चौधरी गंभीर सिंह ने एसडीएम कार्यालय का घेराव किया था। ज्ञापन लेने पहुंचे चौराई तहसील के एसडीएम सीपी पटेल के चेहरे पर बंटी ने कालिख पोत दी थी। पुलिस प्रशासन के जवाबी कार्रवाई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पथराव कर दिया था। पुलिस ने आरोपी कांग्रेसी नेता बंटी पटेल पर हत्या के प्रयास समेत 11 धाराओं में मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया। उस पर एनएसए की कार्रवाई भी की गई। इसके बाद पूर्व विधायक चौधरी गंभीर सिंह पर भी केस दर्ज कर लिया है।