प्रदेश के 22.51 लाख किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा के 4686 करोड़ रु. बांट दिए गए हैं। शुक्रवार को उज्जैन स्थित कालिदास अकादमी में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक क्लिक में पैसा किसानों के खातों में ट्रांसफर किया। उन्होंने ऐलान किया कि जल्द ही 470 करोड़ रु. भावांतर योजना के भी दिए जाएंगे। उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर हमला करते हुए कहा कि तब किसानों से फसल ऋण माफी के 50 हजार करोड़ रु. माफ करने का वादा किया गया था, लेकिन 6 हजार करोड़ रु. ही माफ किए। प्रधानमंत्री फसल बीमा की किस्त तक उस सरकार ने जमा नहीं कराई। हमने कोरोना काल की विपरीत परिस्थितियों में किसानों को बीमा राशि बांटी है।
कोई मंडी बंद नहीं होगी : मुख्यमंत्री ने कहा कि अब कोई भी मंडी बंद नहीं होगी। किसान मंडी में, बाजार में या फिर खेत से ही व्यापारी को अपनी उपज बेचने के लिए स्वतंत्र है। तीन वर्षों में सूक्ष्म सिंचाई के लिए हरित क्रांति समिति का गठन भी करेंगे। उन्होंने कहा कि दूध उत्पादक किसानों के भी क्रेडिट कार्ड बनाए जाएंगे। यदि कोई व्यक्ति गोवंश के लिए ऋण लेता है तो उसे जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। एक हजार जलवायु आधारित गांव बनाए जाएंगे।