भोपाल के खजूरी थाना इलाके में एक माह की बच्ची की कातिल उसकी मां ही निकली। बच्ची का शव पानी की टंकी में मिला था। महिला ने खुद अपने जुर्म को कुबूल कर लिया है। बेटे की चाहत में उसने बच्ची को पानी की टंकी में डुबो-डुबोकर मार डाला था। अब महिला अंधविश्वास की आड़ यानी खुद पर जादू-टोना होने की आड़ लेकर बचना चाह रही है। पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया है।
इसी पानी की टंकी में सरिता ने अपनी मासूम बेटी को डुबो कर मारा।
डीआईजी इरशाद वली के अनुसार 21 साल की सरिता बेटा न होने से दुखी थी। बुधवार को उसके घर के सभी 11 सदस्य खेत पर चले गए। दोपहर करीब 11 बजे सरिता ने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया। उसने बताया कि उसकी बेटी किंजल कहीं नहीं मिल रही है।
घरवालों ने बच्ची की खोजबीन शुरू की। सोचा कि शायद उसे कोई जानवर न ले गया हो। बाद में पुलिस को खबर की गई। पुलिस ने तलाश किया तो बच्ची का शव पानी की टंकी में मिला। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी बच्ची के डूबने से मौत की पुष्टि हुई। पुलिस को शुरूआत से ही सरिता पर शक था।
पुलिस को गुमराह करती रही आरोपी
सरिता पूछताछ के दौरान पुलिस को गुमराह करती रही। उसका कहना था कि उसे भूत आते हैं। बेटी होने के कारण उसे सभी ताना देते थे। वह शुरूआत में बहकी-बहकी बातें करती रही। बाद में पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने ही बेटी को पीने के पानी की टंकी में डुबोकर ऊपर से ढक्कन लगा दिया। इसके बाद शोर मचाकर लोगों को जमा कर लिया। पुलिस से बात करते-करते वह कई बार बेहोश हुई। ऐसे में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
एक साल पहले शादी हुई थी
डेहरिया खजूरी गांव निवासी सचिन मेवाड़ा किसान है। खजूरी थाने के विवेचना अधिकारी सज्जन सिंह ने बताया कि सचिन की करीब एक साल पहले 21 साल की सरिता से शादी हुई थी। किंजल उनकी पहली संतान थी। बेटी का जन्म होने के बाद से ही घर में सब खुश नहीं थे। घटना के वक्त सिर्फ सरिता और किंजल ही घर पर थे। घर में किसी के आने-जाने की जानकारी भी नहीं मिली। इसी कारण सबसे पहला शक सरिता पर ही गया था। अब तक जांच में किंजल की हत्या में किसी और का हाथ नहीं आया है। हालांकि अभी जांच की जा रही है।