प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुक्रवार को 516 करोड़ की लागत से निर्मित कोसी महासेतु का उद्घाटन कर दिया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा ही सुपौल के सरायगढ़ से आसनपुर कुपहा के बीच ट्रेन को भी रवाना किया। इससे कोसी क्षेत्र से मिथिलांचल का सीधा रेल मार्ग से जुड़ाव हो जाएगा।
इस रेल पुल के शुरू होते ही निर्मली से सरायगढ़ की 298 किलोमीटर की दूरी घटकर महज 22 किलोमीटर रह जाएगी। अभी निर्मली से सरायगढ़ तक के सफर के लिए लोगो को दरभंगा-समस्तीपुर-खगड़िया- मानसी-सहरसा होते हुए 298 किमी की दूरी तय करनी होती है। इस नए पुल पर जून में ही ट्रेनों के परिचालन का ट्रायल सफल रहा है।
इस अवसर पर बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान बिहार के मजदूर अन्य राज्यों में फंसे हुए थे, तब केंद्री की नरेंद्र मोदी सरकार ने मजदूरों के लिए स्पेशल श्रमिक ट्रेनें चलायीं और 1371 स्पेशल ट्रेन से 19 लाख 72 हजार लोगों को निःशुल्क अपने घरों तक पहुंचाने का काम किया है। वहीं वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आज का दिन बिहार के इतिहास में स्वर्णिम दिन साबित होने वाला है। 1934 के भूकंप ने बिहार के कोसी क्षेत्र को मिथिलांचल से अलग कर दिया। उसी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों से आज फिर जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के बचपन का नाम नरेंद्र था। एक नरेन्द्र ने भारत को विश्व गुरु बनने का सपना देखा था, आज एक नरेन्द्र उनके सपनों को पूरा कर रहे हैं।
पीएम मोदी बोले, नया बिहार गढ़ने में नीतीश कुमार की बड़ी भूमिका
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आधुनिक बिहार को गढ़ने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बड़ी भूमिका है। कहा कि नए भारत, नए बिहार में सब कुछ तेजी से हो रहा है। इसी पहचान व कार्यसंस्कृति को हमें और मजबूत करना है। निश्चित तौर पर इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी बहुत बड़ी भूमिका है।
रविवार को पेट्रोलियम मंत्रालय की 901 करोड़ की तीन योजनाओं का शुभारम्भ करते हुए पीएम ने मुख्यमंत्री के कामकाज की जमकर तारीफ की। कहा कि पिछले 15 सालों में बिहार ने यह दिखाया है कि अगर सही सरकार हो, सही फैसले लिए जाएं, स्पष्ट नीति हो तो विकास होता है और हर एक तक पहुंचता भी है। नीतीश सरकार में खुले संस्थानों का जिक्र करते हुए कहा कि आज बिहार में शिक्षा के बड़े-बड़े केंद्र खुल रहे हैं। अब एग्रीकल्चर कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या बढ़ रही है। अब राज्य में आईआईटी, आईआईएम जैसे संस्थान बिहार के नौजवानों के सपनों को ऊंची उड़ान देने में मदद कर रहे हैं।