लद्दाख में चीन से तनाव के मुद्दे पर चर्चा के लिए आज मोदी सरकार के मंत्रियों और सेना के अफसरों की मीटिंग होने की उम्मीद है। न्यूज एजेंसी एएनआई के सूत्रों के मुताबिक चीन के मामले को डील कर रहे सीनियर मिनिस्टर और मिलिट्री ऑफिसर बैठक में शामिल होंगे। इसमें लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक भारत-चीन सीमा के मौजूदा हालात पर बात की जाएगी।
इन 3 मुद्दों पर बातचीत के आसार
- डोकलाम समेत भूटान के दूसरे इलाकों में चीन की क्या एक्टिविटीज चल रही हैं और हालात से निपटने के लिए भारत की क्या तैयारी है?
- दोनों देशों के बीच कॉर्प्स कमांडर लेवल की मीटिंग में देरी क्यों हो रही है, जबकि मॉस्को समझौते में बातचीत पर सहमति बनी थी।
- लद्दाख में चीन के एग्रेसन के खिलाफ भारत के कड़े रुख के बाद चीन का रेस्पॉन्स कैसा है?
भारत-चीन के आर्मी अफसरों के बीच पहले 5 राउंड की मीटिंग्स का कोई अहम नतीजा नहीं निकला। पूर्वी लद्दाख के फिंगर-4 इलाके से चीन पीछे नहीं हटा है, बल्कि उसने सैनिकों की संख्या और बढ़ा दी है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक भूटान में चीन के बिल्डअप को लेकर सरकार ने कुछ दिन पहले भी चर्चा की थी।
चीन बार-बार घुसपैठ की कोशिश कर रहा
भारत-चीन के बीच अप्रैल-मई से ही तनाव बना हुआ है। चीन के सैनिक पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी से लेकर फिंगर एरिया और पैंगॉन्ग झील इलाके में कई बार घुसपैठ की कोशिश कर चुके हैं। 15 जून को गलवान में भारत-चीन की झड़प भी हुई थी। 29-30 अगस्त की रात चीन ने पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी छोर की पहाड़ी पर कब्जा करने की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय जवानों ने नाकाम कर दी।