घर-परिवार में छोटे-मोटे वाद-विवाद होते रहते हैं, लेकिन कभी-कभी क्रोध की वजह से छोटी सी बात भी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। परिवार में क्रोध से बचना चाहिए। अगर विवाद हो रहा है तो किसी एक को शांत रहना चाहिए, वरना रिश्ते भी टूट सकते हैं। परिवार में रिश्तों को कैसे बनाए रखना चाहिए, इस संबंध में एक लोक कथा प्रचलित है। कथा में एक मां की सीख के कारण एक परिवार की दो बहुओं की बीच का झगड़ा खत्म हो गया। जानिए ये कथा...
पुराने समय में एक परिवार में दो भाई और उनकी पत्नियां एक साथ रहते थे। सभी के बीच आपसी प्रेम था। दोनों भाई एक साथ खेती का काम करते थे। दोनों की पत्नियां भी एक-दूसरे का बहुत अच्छी तरह से ध्यान रखती थीं। परिवार में कभी वाद-विवाद नहीं हुआ था। लेकिन, एक दिन दोनों बहुओं के पति खेत पर गए हुई और घर पर इन दोनों महिलाओं के बीच बीच छोटी सी बात को लेकर झगड़ा हो गया।
एक ही समय पर दोनों महिलाएं क्रोधित हो गईं। बात इतनी बिगड़ गई कि दोनों ने तय कर लिया कि अब से वे एक-दूसरे से बात भी नहीं करेंगी। गुस्से में दोनों महिलाएं अपने-अपने कमरे में चली गईं, दरवाजा लगा लिया।
कुछ देर बाद बड़ी बहु के कमरे के दरवाजा छोटी बहु ने खटखटाया। बड़ी बहु ने दरवाजा खोला तो सामने छोटी बहु को देखकर वह बोली कि अभी तो कुछ देर पहले तुम ने कहा था कि अब मुझसे कभी बात नहीं करोगी, अब क्या हुआ, क्यों आई हो यहां?
छोटी बहु ने शांत स्वर में कहा कि मैं अपने कमरे बैठी थी, तभी मुझे मेरी मां की सीख याद आई कि जब भी परिवार में कभी किसी से झगड़ा हो जाए तो उसकी बुरी बातों के बारे में नहीं, उसकी अच्छी बातों के बारे में सोचना चाहिए। ये बात याद आते ही मुझे ध्यान आया कि आप मेरा कितना ध्यान रखती हैं, हर काम में मदद करती हैं। छोटी सी बात की वजह से मैं अपना रिश्ता खराब नहीं होने दे सकती। ये बातें सोचकर मैं आपके लिए चाय बनाकर ले आई।
छोटी बहु की बातें सुनकर बड़ी बहु की भी आंखें खुल गई। उसका गुस्सा भी शांत हो गया। दोनों को अपनी-अपनी गलतियां समझ आ गईं। इसके बाद दोनों ने साथ बैठकर चाय पी और उनका झगड़ा खत्म हो गया। रिश्ता टूटने से बच गया।
प्रसंग की सीख
इस प्रसंग की सीख यह है कि परिवार में क्रोध नहीं करना चाहिए। अगर कभी विवाद की स्थिति बनती भी है तो शांत हो जाना चाहिए और जिससे विवाद हुआ है, उसकी अच्छी बातों के बारे में सोचना चाहिए। विवाद थोड़ी ही देर में खत्म हो जाएगा।