सांवेर के सैकड़ों किसानों की सोयाबीन खराब, खेतों में जला रहे फसल, अभी सर्वे भी नहीं हुआ

Posted By: Himmat Jaithwar
9/16/2020

इंदौर। प्रदेश की 27 सीटों पर होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव के केंद्र में भले किसान हो, लेकिन फसल बर्बाद होने पर वह अब भी मुआवजे के लिए तरस रहा है। उपचुनाव में सबसे प्रतिष्ठा पूर्ण मानी जा रही सांवेर विधानसभा क्षेत्र के किसानों का आलम यह है कि सैकड़ों एकड़ में बोई गई सोयाबीन की फसल का अब तक सर्वे नहीं हुआ। दो महीने से राहत और सर्वे के इंतजार में परेशान किसानों ने अब अगली जुताई के लिए अपनी फसल खेतों में ही जलाना शुरू कर दी है।

अधिकारियों के मुताबिक क्षेत्र के कुल 18500 हेक्टेयर में बोई गई फसल में से अधिकांश हिस्सा पूरी तरह बर्बाद है। सोयाबीन के जिन पौधों में फलियां लगीं, उनमें भी बीज नहीं आ पाए। अधिक वर्षा से जिन खेतों में फसल बची रह गई, उनमें भी दाने नहीं आ पाए। ऐसी स्थिति में क्षेत्र के किसानों के लिए उनके खेतों में अनुपयोगी हो चुकी फसल को जलाने अथवा खेतों में ही रौंद देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।

पिरकराड़िया गांव के किसान मनोज पटेल बताते हैं कि उन्होंने अपने पांच बीघा खेत में सोयाबीन की फसल बोई थी, इसमें कुल लागत आई करीब 36 हजार, लेकिन ऐन मौके पर फसल बर्बाद हो गई। ऐसा ही हाल बरलाई गांव के किसान दिनेश डाबी का है। सांवेर के अनुविभागीय अधिकारी आरएस मंडलोई के मुताबिक, पूरी तहसील में सभी पटवारियों को चार से पांच गांव देकर सर्वे कराया जा रहा है। यह जल्द ही पूरा हो जाएगा

किसानों को फसल बीमा दिलाएंगे
वहीं प्रदेश सरकार के मंत्री तुलसीराम सिलावट का कहना है कि सर्वे पूरा होने के बाद तत्काल किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। कोई पटवारी मंदिर, घर बैठ कर सर्वे करता है। उस पर कार्रवाई होगी। किसानों को फसल बीमा का पूरा लाभ दिलाया जाएगा।



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