सीमा पर चीन-पाकिस्तान ही नहीं, खनन माफिया भी बड़ा खतरा; तारबंदी के 500 मीटर पास तक खोदी जमीन, सुरंग बनाकर घुस सकते हैं आतंकी

Posted By: Himmat Jaithwar
9/15/2020

राजस्थान बॉर्डर पर खनन माफिया ने देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा पैदा कर दिया है। जिप्सम के लिए माफिया ने बीकानेर के कोलायत, खाजूवाला, बज्जू, पूगल और दंतौर इलाके में करीब 70 किमी क्षेत्र में बॉर्डर को खोद दिया है।

जिप्सम का इस्तेमाल प्लास्टर ऑफ पेरिस और रासायनिक खादें बनाने में होता है। इन क्षेत्रों में 30-40 जगह ऐसी हैं, जहां खनन माफिया तारबंदी के 500 मीटर करीब तक पहुंच गए हैं। यही नहीं, सरहद के नजदीक 30 से 40 फीट गहरे गड्‌ढे तक कर दिए गए हैं।

इनके जरिए आसानी से सुरंग बनाकर देश की सुरक्षा को चुनौती दी जा सकती है। इसी आशंका के चलते बीएसएफ ने प्रशासन को पत्र लिखकर यहां अवैध खनन तत्काल रोकने की मांग की। बीएसएफ ने आशंका जताई कि खनन में लगे मजदूरों की आड़ में आतंकी सुरंग खोदकर देश की सीमा में आ सकते हैं। यह क्षेत्र सामरिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस वजह से सीमा सुरक्षाबल को निगरानी करने में मुश्किलें आ रही हैं।

क्यों बने सीमा के दुश्मन, जानिए 3 बड़े कारण
1. सीमा से सटकर खनन
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा-निर्देशानुसार किसी वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र के 10 किमी की परिधि में खनन कार्य नहीं हो सकता, लेकिन देश की सुरक्षा से जुड़े बॉर्डर से महज एक किमी. की दूरी पर खनन पट्‌टे आवंटित किए जा रहे हैं। इनकी आड़ में बॉर्डर से महज 500-700 मीटर दूर तक खनन कार्य किया जा रहा है।

2. सिर्फ 2 मीटर की मंजूरी है, 7 मीटर तक खोद डाला
बीकानेर के सीमावर्ती खाजूवाला, दंतौर, भूरासर, बज्जू, पूगल क्षेत्र में 2016-17 में 201 खनन पट्‌टे जारी हुए। इनमें से 152 ने खनन शुरू किया। खानें 20 साल की लीज पर हैं। डेढ़ से दो मीटर खुदाई की अनुमति है, लेकिन 5-7 मीटर तक जमीन खोद दी। खनन पट्‌टे स्थानीय खातेदारों को दिए, लेकिन खुदाई हरियाणा और राजस्थान के अन्य हिस्सों के खनन माफिया कर रहे हैं।

3. खनन माफिया की कारें यहां बेरोकटोक घूमती हैं
जिप्सम का खनन शुरू होने के बाद से बॉर्डर पर आपराधिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं। बॉर्डर इलाके में दिनभर खनन माफिया की एसयूवी गाड़ियां घूमती हैं। सुरक्षा के तहत बॉर्डर इलाके में परिचय पत्र देखने के बाद ही लोगों की आवाजाही होती है,, लेकिन यहां सीमा चौकियों के नजदीक खनन माफिया की बेरोकटोक आवाजाही जारी है। बॉर्डर के नजदीक देर रात तक खनन माफिया शराब पार्टी करते हैं।

बीएसएफ चिंतित: हमने कई बार सरकार को बताया, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही
बीएसएफ के आईजी (वर्क्स) अमित लोढ़ा ने बताया कि कोलायत और खाजूवाला में जिप्सम खनन का मामला जानकारी में है। इस संबंध में कई बार राज्य सरकार से शिकायत की है, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अवैध खनन सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती है।

ये गांव ज्यादा प्रभावित
बीकानेर में बज्जू के 21 बीएसएम और 22 बीएसएम, अगूरी पायतान, दंतौर 10 बीएसएम, 20 बीएसएम, कब्रेवाला, भूरासर, कायमवाला व मुसेवाला में सीमा के पास अवैध खनन हो रहा है।

खनन विभाग: जिप्सम खनन की शिकायतें मिली हैं, जल्द इसे रोकेंगे
बीकानेर सर्किल के अधीक्षण खनन अभियंता एनके बैरवा ने कहा, दंतौर इलाके में बॉर्डर के निकट जिप्सम खनन की शिकायतें मिली हैं। हमने बीएसएफ के साथ मिलकर इसे रोकने के लिए अभियान चलाया है। हम जल्द ही इस पर पूरी तरह रोक लगाने में कामयाब होंगे। उधर, बीकानेर सर्किल के खनन अभियंता राम निवास मंगल ने बताया कि बॉर्डर पर कोई भी गैरकानूनी खनन हो रहा है तो कार्रवाई की जाएगी। दंतौर में खनन पट्‌टे काफी पहले जारी हुए थे। हम इस मामले की जांच करवा लेंगे।



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