भोपाल के तीन बड़े अस्पतालों का हाल.. एम्स, हमीदिया और चिरायु के जनरल वार्ड भी 80 फीसदी तक भर चुके

Posted By: Himmat Jaithwar
9/14/2020

कोविड का इलाज करने वाले अस्पतालों में बिस्तर खाली नहीं मिल रहे हैं। मंत्रियों-विधायकों की सिफारिश भी काम नहीं आ रही है। कोरोना संक्रमितों को अस्पतालों से लौटाया जा रहा है। मरीजों पर होम आइसोलेशन के लिए दबाव बनाया जा रहा है। रोजाना जितने मरीज स्वस्थ हो रहे हैं, उससे ज्यादा नए संक्रमित मिल रहे हैं। उधर, अस्पतालों के सामने एक चुनौती यह भी है कि पूरी क्षमता में मरीजों को भर्ती करने के लिए डॉक्टर्स और मेडिकल स्टॉफ की कमी पड़ रही है।

प्रोटोकाल के मुताबिक कोविड का इलाज करने वाले डॉक्टर्स और मेडिकल स्टॉफ को 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन होना होता है। कागजों पर अस्पतालों में जो बेड खाली दिखाए जा रहे हैं, वो भी रिजर्व केटेगिरी में हैं। हकीकत ये है कि अस्पतालों के बाहर मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा है।

नोट : जानकारी सार्थक लाइट ऐप के अनुसार रात 11 बजे तक
नोट : जानकारी सार्थक लाइट ऐप के अनुसार रात 11 बजे तक

हालात यह है कि शहर के हमीदिया, एम्स और चिरायु अस्पताल के 80 फीसदी जनरल वार्ड भी भर चुके हैं।
आईसीयू और एचडीयू में सभी बिस्तर भरे हैं। जो मरीज ठीक होकर जाते हैं उन पर दूसरे मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। बिस्तर नहीं होने पर जेपी, एम्स और चिरायु समेत अन्य कोविड अस्पतालों में मरीजों को भेजा जाता है।
डॉ. आईडी चौरसिया, अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल

मरीज को लौटाना संभव नहीं
कोरोना मरीज को बिना इलाज वापस लौटाया जाए यह संभव नहीं है। अगर किसी मरीज ने ऐसा कहा है तो हम यह पता लगाएं कि क्या वाकई ऐसा हुआ है? अगर, ऐसा हुआ है तो यह कैसे हुआ?
डॉ. लक्ष्मी प्रसाद, पीआरओ, एम्स

ऑक्सीजन बेड खाली नहीं ... दाे दिन में नहीं हाे पाया काेविड अस्पताल में एडमिशन
सुभाष नगर निवासी 57 साल की सुशीला बीएमएचआरसी के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती है। उन्हें आक्सीजन लगी हैं। शनिवार को उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। पति देव कुमार ने बताया कि संस्थान के डॉक्टर्स ने पत्नी को आक्सीजन सपोर्टिड बेड पर चिरायु, एम्स, हमीदिया सहित दूसरे डेडिकेटिड कोविड हॉस्पिटल में भर्ती करने की सलाह दी है। लेकिन, आक्सीजन सपोर्टिड बेड खाली नहीं होने के कारण दो दिन बाद भी पत्नी डेडिकेटिड कोविड हॉस्पिटल में भर्ती नहीं हो सकी है।

बिस्तरों के रिकाॅर्ड में हेराफेरी...हमीदिया अस्पताल में सार्थक लाइट एप पर 100 बिस्तरों का आईसीयू होना दिखाया गया है। इसमें 31 पेशेंट भर्ती दिखाए गए हैं। हालांकि हकीकत ये है कि यहां सिर्फ 40 बेड का आईसीयू है। 30 बेड का एचडीयू है। यहां आईसीयू और एचडीयू के सभी बेड फुल हैं। हमीदिया प्रबंधन ने भी इसकी पुष्टि की है।

सितंबर में सात दिन का कोरोना काल

नोट : जानकारी एनएचएमएमपी की भोपाल की फैसिलिटी बेड ऑक्यूपेसी के अनुसार
नोट : जानकारी एनएचएमएमपी की भोपाल की फैसिलिटी बेड ऑक्यूपेसी के अनुसार

कितने लाचार मरीज

  • हमीदिया : 5 घंटे इंतजार, फिर भी भर्ती नहीं भेल से रिटायर्ड 72 वर्षीय एचएच पेंडलवार को रविववार दोपहर में एंबुलेंस हमीदिया ले गई। यहां पांच घंटे इंतजार करने के बाद भी भर्ती नहीं किया गया तो वे वापस घर लौट गए। शाम 7 बजे एम्स पहुंचे, लेकिन वहां भी भर्ती करने से इंकार कर दिया।
  • एम्स : मजबूरन निजी अस्पताल जाना पड़ा कोलार के पीएस निगम की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव है। उन्हें ऑक्सीजन बेड के लिए एम्स में चार घंटे इंतजार करना पड़ा। लेकिन, यहां उन्हें अस्पताल प्रबंधन ने बेड खाली नहीं होने के कारण भर्ती नहीं किया। इसके चलते उन्हें भोपाल मेडिकल केयर हॉस्पिटल में इलाज के लिए जाना पड़ा।



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