हड़ताल का तोड़... थोक सब्जी मंडी नहीं लगी तो किसानों ने ही दुकान जमाकर बेची फुटकर सब्जी

Posted By: Himmat Jaithwar
9/14/2020

गुना। रविवार को थोक सब्जी मंडी बंद रही, दशहरा मैदान खाली कराने के बाद नानाखेड़ी में नई जगह दी गई लेकिन यहां कारोबारी नहीं पहुंचे तो किसानों ने दुकान जमाकर फुटकर माल बेचना शुरू कर दिया। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों से हुई चर्चा के बाद हड़ताल खत्म की। अब सोमवार से मंडी खुलेगी। शहर में थोक सब्जी मंडी को लेकर अब तक स्थाई व्यवस्था नहीं हो पाई है, हालांकि इस पर 15 साल से कुछ न कुछ उठा-पटक होती रही है। इन कारोबारियों जगह नहीं मिल पाई। प्रशासन ने नए सिरे से इन कारोबारियों को स्थापित करने की योजना बनाई है, ताकि हर बार होने वाली समस्या से निजात मिले। इस कार्ययोजना को पूरा होने में समय लगेगा। इसलिए फिलहाल दशहरा मैदान को खाली कराकर सब्जी कारोबारियों को अस्थाई तौर पर नानाखेड़ी मंडी में शिफ्ट कर दिया। रविवार को जब यह इस स्थल पर पहुंचे तो वहां का नजारा देखकर हैरान रहे गए। क्योंकि पहले से ही किसानों ने ही फुटकर दुकान खोलकर खुद ही सब्जी बेचना शुरू कर दिया। इस वजह से थोक सब्जी कारोबारी खड़े होकर यह सब देखते रहे। इसकी सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को भी दी, हालांकि बाद में तय हुआ कि सभी को स्लॉट दिए जाएंगे। रविवार को कारोबारियों ने हड़ताल रखी, वह एकत्रित होकर पंचायत एवं ग्रामीण मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया के पास पहुंचे। वहीं कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम, एसडीएम अंकिता जैन भी मंडी पहुंचे। कारोबारियों ने कहा कि जगह कम हैं, इसके बाद कलेक्टर ने पीछे पड़े खाली मैदान को भी समतल कराने के लिए कहा।

गजब हो गया...किसान खुद ही दुकान लगाकर बैठ गए थोक सब्जी मंडी में व्यवस्था यह रहती है कि किसान अपना माल लेकर आता है तो वह आड़तिए के पास जाएगा। रविवार को कारोबारियों ने हड़ताल रखी तो किसानों ने ही खुद अपनी सब्जी बेचने के लिए फुटकर दुकानें जमा ली और माल बेचकर गांव गए।

सब्जी को लेकर किल्लत मंडी बंद होने से सब्जी को लेकर किल्लत का सामना करना पड़ा। किसानों तो हरी सब्जी लेकर आए तो वह तो खुद इसे बेचकर चले गए। लेकिन आड़तियों द्वारा आलू, टमाटर, प्याज जैसे सामग्री ज्यादा बेची जाती है। लेकिन सब कुछ अस्त-व्यस्त होने से काम प्रभावित रहा।

स्थाई मंडी में अभी समय स्थाई मंडी कहां बनेगी, इसके लेकर भी प्लानिंग तैयार की जा रही है। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि फिलहाल जो जगह दी गई है, वहां पर कारोबारी अपना काम करें। वहीं स्थाई मंडी के लिए भी प्लानिंग की जा रही है। यातायात नगर के पीछे मंडी के लिए जगह प्रस्तावित है, इसमें समय लगेगा।

जिनके लाइसेंस, उनके नाम सूची में से हटा दिए नानाखेड़ी मंडी में थोक कारोबारियों को जगह देने के लिए प्लॉटिंग की गई। इस दौरान यह आरोप भी लगे कि जिनके लाइसेंस हैं, उनके ही नाम काट दिए गए। यह लोग मंडी समिति को आवेदन देने भी पहुंचे। थोक सब्जी मंडी में भी दो गुट सक्रिय हैं। एक तो बड़े कारोबारियों के साथ है, जो हमेशा आगे रहते हैं। जब भी जगह दी जाती है तो यह सबसे आगे ही अपनी जगह बना लेते हैं। छोटे कारोबारी और जो बोल नहीं पाते हैं, उन्हें पीछे जगह मिलती है। इस भेदभाव को रोकने के लिए मांग उठाई गई है लॉटरी सिस्टम से दुकानें आवंटित हों। वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिनके पास लाइसेंस नहीं है या वह निरस्त हो चुके हैं। इसके बाद भी वह जगह पर कब्जा जमा लेते हैं। इस विवाद को रोकने के लिए कारोबारियों का कहना है कि जिनके पास लाइसेंस हैं, उन्हें ही जगह दी जाए।



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