रविवार काे मंत्री विजय शाह, बैतूल विधायक ब्रम्हा भलावी, भाेपाल के पूर्व सांसद आलाेक संजर की रिपाेर्ट काेराेना पाॅजिटिव आई है। इन्हें मिलाकर अब तक 18% सदन संक्रमित हो चुका है। विधानसभा के 203 सदस्यों में से मुख्यमंत्री, 10 मंत्री, 28 विधायक संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इधर, 21 सितंबर से विधानसभा का तीन दिनी सत्र शुरू होने जा रहा है। संक्रमण की बढ़ती संख्या को देखते हुए विधानसभा ने सभी कलेक्टरों को चिटठी लिख दी है कि वे सत्र से पांच दिन पहले की विधायकों की कोविड टेस्ट रिपोर्ट भेजें।
इससे यह साफ हो जाएगा कि विधायक संक्रमित है या नहीं। इसके साथ ही विधानसभा अपने 100 अधिकारियों व कर्मचारियों की भी कोरोना जांच 15 सितंबर को कराएगा ताकि संक्रमण को लेकर तस्वीर साफ रहे। ये कर्मचारी सदन के काम में जुटते हैं। विधानसभा ने यह कार्यवाही इसलिए की है क्योंकि, अभी तक मप्र में मुख्यमंत्री व मंत्री से लेकर विधायक तक 38 लोग संक्रमित हो चुके हैं।
विधानसभा अपने परिसर में भी सत्र के दौरान स्वास्थ्य अमले को रखेगी, ताकि जिन विधायकों की जांच रिपोर्ट नहीं आई होगी, उनकी जांच की जा सके। विधायक व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, विधायक व पूर्व वित्तमंत्री तरुण भनोत, विधायक गोवर्धन दांगी, विधायक व पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा समेत कुछ विधायक हाल ही में पॉजिटिव हुए हैं, वे अनुपस्थित रह सकते हैं। आरिफ अकील हाल ही में बीमार हुए हैं और वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने दिल्ली में एंजियोप्लास्टी कराई है। मंत्री विजय शाह की प्रारंभिक रिपोर्ट (ट्रूनेट) पॉजिटिव आई है। अब उनकी आरटीपीसीआर से जांच होगी।
छोटा हो सत्र
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व विधायक सीता सरन शर्मा ने कहा कि संवैधानिक बाध्यताएं हैं, जिन्हें पूरा करना होगा। कई राज्य सत्र बुला रहे हैं। यह जरूर है, इसे एक दिन का किया जा सकता है। विधायक नीना वर्मा का कहना है कि महामारी तो है, लेकिन आवश्यक काम भी करने होंगे। दो सत्रों के बीच भी काफी समय हो गया है। यह जरूर है कि इसे एक या डेढ़ दिन का किया जा सकता है।
मप्र के डर की बड़ी वजह- पंजाब में सत्र के बीच ही 23 विधायक संक्रमित, उप्र में ढाई घंटे का ही रहा सत्र
छत्तीसगढ़ और पंजाब में हुए सत्र के बाद अथवा बीच में संक्रमित हुए विधायकों को लेकर मप्र विधानसभा चिंतित है। पंजाब में सत्र के बीच ही 23 विधायक पॉजिटिव आ गए थे। छत्तीसगढ़ में सत्र के बाद एक दर्जन विधायक संक्रमित हुए थे। उत्तर प्रदेश ने तो ढाई घंटे का छोटा सत्र ही बुलाया था। राजस्थान में भी सत्र के बाद विधायकों में संक्रमण फैला।
सर्वदलीय बैठक में सभी विकल्प और मसलों पर बात होगी
यह बात सही है कि विधायक पॉजिटिव हो रहे हैं। दो-तीन दिन में होने वाली सर्वदलीय बैठक में सभी विकल्प और पहलुओं पर बात होगी। कोविड का कुछ प्रोटोकॉल है, तो उसे करना ही पड़ेगा।
-रामेश्वर शर्मा, प्रोटेम स्पीकर, विधानसभा