जावरा-अवैध कालोनियां बनाने के मामले में पूर्व नपा अध्यक्ष और भाजपा नेताओं समेत छ: व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधडी के नौ मामले दर्ज

Posted By: Himmat Jaithwar
9/13/2020

रतलाम। नियमों का उल्ंलघन कर अवैध कालोनियां बनाकर प्लाट बेचने के मामले में जावरा प्रशासन ने बडी कार्यवाही करते हुए पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अनिल दसेडा,भाजपा नेता राहूल चन्द्रप्रकाश ओस्तवाल समेत कुल छ:व्यक्तियों पर धोखाधडी के नौ अलग अलग प्रकरण दर्ज किए है।

इन भू माफियाओं ने कालोनी विकसित करने में कई प्रकार की अनियमिताएं की थी। उक्त सारी कार्यवाही जावरा एसडीएम राहूल धोटे के निर्देशन में की गई। आपराधिक मामलों में फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

शनिवार को एसडीएम राहुल धोटे ने छह कॉलोनाइजरों द्वारा उनकी कॉलोनियों में किए गए कार्यों की जांच कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की। कॉलोनाइजरों द्वारा कॉलोनी निर्माण में नियमों व प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है। उनके विरुद्ध प्रकरण दर्ज करवाने के लिए एसडीएम धोटे ने शनिवार को नगर पालिका सीएमओ डॉ. केशवसिंह सगर को पत्र जारी किया है।

इन कॉलोनी में हुआ उल्लंघन
कॉलोनाइजर राहुल ओस्तवाल द्वारा सत्य साईं विहार कॉलोनी बनाई गई, जिसमें विकास कार्य अपूर्ण है, बंधक के उपखंडों का पंजीयन नहीं करवाया है, बिना अनुमति के विक्रय किया गया है, बिना विकास अनुमति प्राप्त किए कॉलोनी में अपूर्ण विकास किया गया है, कॉलोनी में बिना स्वीकृति प्राप्त किए भवन निर्माण कार्य करवाया गया है। उनके द्वारा तिलक विहार कॉलोनी भी बनाई गई। इसमें विकास कार्य अपूर्ण है, बगीचे की भूमि के साथ छेड़छाड़ करके भूमि का क्षेत्रफल कम किया गया है, कॉलोनी में 25 प्रतिशत भूखंडों का पंजीयन नहीं करवाया गया है, कॉलोनी में गंदे पानी की निकासी व पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था न की गई है, कॉलोनी में बिना स्वीकृति प्राप्त किए भवन का निर्माण कार्य करवाया है। इसी प्रकार कॉलोनाइजर द्वारा उनकी अन्य कॉलोनी अरिहंत कॉलोनी के पास ग्राम कुम्हारी की भूमि पर कॉलोनी विकसित कर विकास कार्य अपूर्ण है, कॉलोनी में 25 प्रतिशत भूखंडों का पंजीयन नहीं करवाया गया है, कॉलोनी में बिना स्वीकृति प्राप्त किए भवनों का निर्माण कार्य करवाया गया है।

+पेयजल व जल निकासी के अपर्याप्त इंतजाम

कॉलोनाइजर प्रकाशचंद्र कोठारी द्वारा बन्नााखेड़ा क्षेत्र में आदर्श नगर कॉलोनी का निर्माण किया गया, जिसमें विकास कार्य अपूर्ण होने, पेयजल व जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने तथा कॉलोनी में बिना स्वीकृति प्राप्त किए भवनों का निर्माण कार्य करवाया है।

राजेंद्र जयंत परिसर कॉलोनी के रहवासी नारकीय जीवन जीने के लिए विवश
कॉलोनाइजर पूर्व नपाध्यक्ष अनिल कुमार दसेड़ा व विजय कुमार दसेड़ा तथा शौकत खां द्वारा खाचरौद रोड़ पर सेजावता क्षेत्र में राजेंद्र जयंत परिसर कॉलोनी का विकास किया गया। इसमें नाली निर्माण अपूर्ण होने व जल निकासी नहीं होने से नारकीय जीवन जीने के लिए नागरीकगण विवश है। कॉलोनी में तीनों बगीचे विकसित नहीं है। कॉलोनी का रोड़ भी क्षतिग्रस्त है। कॉलोनी में प्रस्तावित एमआर-चार रोड़ में अवैधानिक तरीके से प्लॉट विक्रय कर उन पर क्रेतागणों द्वारा करीब छः मकान निर्मित कर लिए गए हैं, जो आपत्तिजनक होकर आपराधिक कृत्य है।

कॉलोनाइजर ने नियमों का पालन नहीं किया
कॉलोनाइजर मोहम्मद आसिफ मिर्जा निवासी भीमाखेड़ी फाटक जावरा द्वारा मंदसौर रोड पर कॉलोनी बनाई गई, जिसमें कॉलोनाइजर द्वारा न तो नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से कॉलोनी का मानचित्र अनुमोदित करवाया है और ना ही मध्यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण, निबंधन तथा भार्ते) नियम 1998 के अंतर्गत कॉलोनी के विकास की अनुमति प्राप्त की।

कॉलोनी रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र भी नहीं किया प्राप्त
कॉलोनाइजर अनिलकुमार पुत्र प्रकाशचंद्र कोठारी निवासी बजाजखाना जावरा द्वारा जैन कॉलोनी बनाई गई, जिसमें कॉलोनाइजर द्वारा न तो नगर व ग्राम निवेश विभाग से कॉलोनी का मानचित्र अनुमोदित करवाया है और ना ही मध्यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण, निबंधन तथा भार्ते) नियम 1998 के अंतर्गत कॉलोनी के विकास की अनुमति प्राप्त की और ना ही आश्रय शुल्क जमा करवाया है तथा कॉलोनी रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र भी प्राप्त नहीं किया है। कॉलोनी पूर्ण रूप से अवैध है।

कॉलोनी विकास की अनुमति लिए बिना तीन कॉलोनियों बना ली
कॉलोनाइजर संजय पिता हीरालाल गंगवाल निवासी जावरा द्वारा सेजावता भूमि सर्वे क्रमांक 1/32, 1/33, 1/34 पर संजय कॉम्प्लेक्स, इसके समीप सर्वे क्रमांक 1/28/2 मिन 2, 1/28/2 मिन 3 तथा इसके समीप सर्वे क्रमांक 1/1/2, 1/3/2, 1/3/3, 1/2/2, 1/2/1, 1/3/1/2, 1/28/1 मिन 1, 1/28/1 मिन 2, 1/28/1 मिन 3, 1/28/1 मिन 4 पर तीन कॉलोनियों का निर्माण किया गया। तीनों कॉलोनियों में कॉलोनाइजर द्वारा न तो नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से कॉलोनी का मानचित्र अनुमोदित करवाया है तथा ना ही मध्यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण, निबंधन तथा भार्ते) नियम 1998 के अंतर्गत कॉलोनी के विकास की अनुमति प्राप्त की और ना ही आश्रय शुल्क जमा करवाया है तथा कॉलोनी रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र भी प्राप्त नहीं किया है। तीनों कॉलोनी पूर्ण रूप से अवैध है।




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