नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र द्वारा दी गई चेतावनी के अनुसार दुनियाभर में कोरोना के कारण 2.5 करोड़ लोग बेरोजगार हो जाएंगे। इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को 3.6 लाख करोड़ डॉलर का झटका लगेगा। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि इससे आर्थिक और श्रम संकट गहराएगा। भारत में ऑटोमोबाइल, रियल स्टेट, विमानन, सिनेमा एवं मनोरंजन, पर्यटन सहित कई सेक्टरों पर कोरोना का विपरीत प्रभाव पड़ा है। इससे इन सेक्टरों में काम करने वाले लाखों लोगों की नौकरियों पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। चीन में जनवरी-फरवरी माह में 50 लाख लोगों ने कोरोना के आर्थिक दुष्प्रभाव के चलते नौकरी गंवा दी।
होटल और टूर एंड ट्रैवल सेक्टर को भारी नुकसान
रिक्रूटमेंट एजेंसियों के मुताबिक कोरोना वायरस का होटल, टूर एंड ट्रैवल, फूड, कंस्ट्रक्शन और मनोरंजन जैसे सेक्टरों में काम करने वाले कर्मचारियों पर सबसे ज्यादा असर हो सकता है। रिक्रूटमेंट एजेंसी ग्लोबल हंट इंडिया के मुताबिक कोरोना वायरस का गैर संगठित क्षेत्र पर असर होगा, लेकिन यदि हालात 2-3 महीने ऐसे ही रहे तो संगठित क्षेत्र में भर्तियां 15-20 फीसदी घट सकती हैं।
इलेक्ट्रॉनिक मार्केट की हालत हो सकती है खराब
भारत में कई उद्योगों के लिए सप्लाई संकट के बीच आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी की आशंका भी जताई जा रही है। चाइनीज कंपोनेंट पर निर्भर मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, होम अप्लायंसेज, ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टर्स में तेजी से स्टॉक खत्म हो रहा है और इंडस्ट्री जानकारों का कहना है कि हालात एक-दो महीने ऐसे ही रहे तो मैन्यूफैक्चरिंग से लेकर रिटेलर्स तक कई स्तरों पर काम बंद होंगे। इससे बेरोजगारी बढ़ सकती है। ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन (AIMRA) के प्रेसिडेंट अरविंदर खुराना के अनुसार ' अगर 15-20 दिन तक सप्लाई सामान्य नहीं हुई तो परेशानी हो सकती है। पूरी सप्लाई चेन में वर्कफोर्स में कटौती भी हो सकती है'। एक-दो हफ्ते में सुधार नहीं हुआ तो हालात चिंताजनक हो सकते हैं। ज्यादातर टीवी कंपनियां 60% चाइनीज कंपोनेंट पर निर्भर हैं और कई उत्पादन में 30-40% कटौती पर विचार कर रही हैं। इसका असर लोगों की नौकरियों पर भी पड़ेगा।
एविएशन सेक्टर को 600 मिलियन डॉलर तक का नुक़सान हो सकता है
कोरोनावायरस के चलते एविएशन सेक्टर ने अपनी सभी उड़ाने कैंसल कर दी हैं। स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह ने एक बयान जारी कर कहा है कि एविएशन सेक्टर बहुत ज्यादा दबाव में है। कई कंपनियों ने अपने कर्चारियों को बिना वेतन के छुट्टियों पर भेज दिया है वहीं कुछ ने अपने कर्मचारियों की सैलरी में भी कटौती की है। सेंटर फॉर एविएशन यानी सीएपीए ने हाल में जारी अपनी रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि एयर इंडिया समेत भारत की तमाम एयरलाइन को जनवरी-मार्च के क्वार्टर में 600 मिलियन डॉलर तक का नुक़सान हो सकता है।
अस्थायी कर्मचारियों की नौकरी पर मंडरा रहा खतरा
भारत में सबसे ज्यादा खतरा स्वरोजगार, ठेके पर काम करने वालों और दिहाड़ी मजदूरों को है। भारत में सबसे ज्यादा असर रेस्टोरेंट, रियल स्टेट, विमानन, सिनेमा एवं मनोरंजन, पर्यटन, ड्राइविंग आदि पर पड़ रहा है। एक अनुमान के मुताबिक देश के 40 लाख से ज्यादा अस्थायी कर्मचारियों पर अगली दो तिमाही सबसे ज्यादा भारी पड़ने वाली है। एसोचैम और ग्लोबल हंट इंडिया का मानना है कि कोरोना का सबसे अधिक नकारात्मक असर सर्विस सेक्टर और खास तौर पर दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ रहा है। अगर हालात जल्दी नहीं सुधरे तो संगठित क्षेत्र की हायरिंग में भी 15 से 20 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
चीन में 2 महीने में 50 लाख लोगों ने गवाई नौकरी
कोरोना वायरस के चलते चीन को बहुत आर्थिक हानि हुई है और इसी के कारण चीन में जनवरी-फरवरी में 50 लाख लोगों ने नौकरी गंवा दी। चीन में बेरोजगारी दर भी जनवरी में 5.3 फीसदी के मुकाबले फरवरी में 6.2 फीसदी हो गई है। वुहान, शंघाई समेत तमाम शहरों में कामबंदी और व्यापारिक गतिविधियां ठप हो जाने से यह नुकसान हुआ।
अमेरिका में दूसरी तिमाही में जा सकती हैं 45 लाख नौकरियां
बैंक ऑफ अमरीका के अनुमान के मुताबिक बेरोजगारी दर दोगुना होने वाला है और हर महीने करीब 10 लाख नौकरियां जाने वाली हैं। इस हिसाब से दूसरी तिमाही में करीब 45 लाख नौकरियां जाने वाली हैं। एनालिसिस कंपनी ऑक्सफोर्ड इकॉनॉमिक्स ने अनुमान लगाया है कि यात्राओं के रद्द होने की वजह से करीब 46 लाख नौकरियां जाएंगी।