राग और द्वेष जीतने वाला व्यक्ति परमेश्वर और परमात्मा कहलाता है। जो सर्व गुणों से युक्त हो वह ईश्वर है। गुरुओं की वाणी हमें मोक्ष मार्ग दिखाती है। जैन धर्म और जैन संस्कृति जीवन जीने की कला सिखलाती है। धर्म के सिद्धांत एवं छोटे-छोटे नियम से हम मोक्ष को प्राप्त कर सकते हैं। धर्म और संस्कार के लिए हमें समर्पित होना ही पड़ेगा। यह विचार क्रांतिकारी मुनिश्री प्रतीक सागर ने शनिवार को सोनागिर स्थित आचार्यश्री पुष्पदंत सागर सभागृह में धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्ति किए
अंचल के जैन शिक्षकों का आज होगा सम्मान
ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया, शिवपुरी, अशोकनगर और गुना के समस्त जैन शिक्षकों का सम्मान समारोह 13 सितंबर को दोपहर एक बजे सिद्ध क्षेत्र सोनागिर में आयोजित किया जाएगा। समारोह का प्रारंभ नृत्य मंगलाचरण द्वारा किया जाएगा। इस अवसर पर गणाचार्य पुष्पदंत सागर महाराज के चित्र का अनावरण, दीप प्रज्वलन, पादप्रक्षालन, शास्त्र भेंट एवं शिक्षकों का सम्मान किया जाएगा। इसके अलावा पांच शिक्षकों द्वारा समाज के प्रति शिक्षकों के कर्तव्य विषय पर उद्बोधन दिया जाएगा।