प्रधानमंत्री आवास योजना में गरीबों को गृह प्रवेशम कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के 1.75 लाख लोगों को उनके सपनों का घर मिला। शुक्रवार को वर्चुअल कार्यक्रम में पीएम मोदी जुड़े। इस दौरान उन्होंने जिन लोगों से बातचीत भी की। पीएम मोदी से बातचीत के दौरान ग्वालियर के नरेंद्र नामदेव ने आर्टिकल-370 और तीन तलाक का भी जिक्र किया और इन दोनों मुद्दों को सुलझाने के लिए पीएम का आभार जताया। इस पर मोदी ने उनसे पूछ लिया- चुनाव लड़ना चाहते हैं क्या?
नरेंद्र नामदेव ने पीएम को अपनी कहानी सुनाते हुए कहा कि कच्चे घर में उनकी बेटी सर्पदंश का शिकार हो गई और इससे उसका निधन हो गया था। कुछ ही दिन में बेटे की मौत हो गई, लेकिन सरकार की योजनाओं ने संभलने का मौका दिया। अब हम दोनों पति-पत्नी सिलाई का काम करते हैं। नरेंद्र की पत्नी ने प्रधानमंत्री मोदी को घर आने का निमंत्रण देते हुए कहा कि 'अब आप हमारे घर आएं और पोहे-जलेबी खाएं तो हमारा जीवन धन्य हो जाएगा।' इसे मोदी ने स्वीकार भी किया। मोदी ने कहा- मुझे भी आपके घर में खाना खाकर खुशी मिलेगी। जरूर आपके घर आएंगे।'
आदिवासी गुलाब सिंह ने कहा- हमारे यहां हलमा की परंपरा है
धार जिले के सरदारपुर गांव के आदिवासी गुलाब सिंह के पिता ने मोदी से राम-राम की। उन्होंने बताया कि हमारे गांव में हलमा (एक-दूसरे के काम में मदद करना) की परंपरा है। हमारा घर बनाने के लिए 15-20 लोग रोज आते थे। लॉकडाउन में सब लोग घरों में ही थे। उनको कोई पैसे नहीं दिए गए। सिर्फ शाम को खाना खिलाते थे। खाने में खिचड़ी और दाल होता था। गुलाब ने बताया कि लोग एक-दूसरे का सहयोग करते हैं। इसलिए मजदूरी नहीं देनी पड़ती है। बचे पैसे से अन्य सामान्य खरीद लिया है। गुलाब ने बताया कि योजना के तहत 1.20 लाख रुपए और 16 हजार मजदूरी मिली थी। कुछ आर्थिक मदद साथियों ने भी की। पिताजी प्रधानमंत्री से बात करने के लिए खुशियों से भरे थे।
मोदी ने गांव के रीति-रिवाज की तारीफ की। कहा- बहुत ही कम खर्च में अच्छे से अच्छा घर बनाकर दिखा दिया। एक-दूसरे की मदद करके जीवन को आसान बनाने की योजना में गांव में कितनी बढ़िया है। सामाजिक ताना-बाना और सरकारी व्यवस्था की बेहतरीन मिसाल पेश की। गांव वालों को भी शुभकामनाएं। बढ़िया तरीके से घर बनाया।
प्यारेलाल यादव ने कहा- पूरी-सब्जी बनवाई है, मीठा भी मंगवाया:
सिंगरौली जिले के प्यारेलाल यादव ने मोदी को बताया कि हमको आवास मिलने का विश्वास था। सबकी तरह हमें भी मिल गया। घर में आज उद्घाटन के दिन खाने में दाल-चावल, पूड़ी-सब्जी बनवाई है। मीठा भी मंगवाया है। पहले हमारा घर कच्चा खपैरल था। आंधी में खपरैल उड़ जाते थे। ये घर दिसंबर 2019 में स्वीकृत हुआ। 15 दिन पहले तैयार हो गया था।