भारत-चीन की बातचीत के बीच चीन की तरफ से धमकियां दी जा रही हैं। सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि अगर भारतीय सेना पैंगॉन्ग त्सो झील (लद्दाख) के दक्षिणी हिस्से से नहीं हटती तो पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए यानी चीनी सेना) पूरे ठंड के मौसम में वहीं जमी रहेगी। अगर दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ तो भारतीय सेना जल्दी ही हथियार डाल देगी।
सरकारी मीडिया की टिप्पणी केवल यहीं नहीं रुकी। ये भी कहा कि भारत का सैन्य तंत्र कमजोर है। उसके कई सैनिक कड़ाके की ठंड या कोरोना में मर जाएंगे। अगर भारत शांति चाहता है तो दोनों देशों को लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) की 7 नवंबर 1959 की स्थिति ही माननी होगी। अगर भारत जंग चाहता है तो हम उसकी ये इच्छा पूरी करेंगे। देखते हैं कि कौन सा देश दूसरे को मात दे सकता है।
‘भारत भूल गया कि वो क्या था’
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, ‘‘चीन ने हमेशा से भारत के सम्मान की फिक्र की है। अब भारत की राष्ट्रवादी ताकतें इस सम्मान का फायदा उठाना चाहती हैं। वे भूल गए हैं कि वो (भारत) क्या हैं? आज के माहौल में हर चीज सामने रखने की जरूरत है।’’
‘‘हमारी तिब्बत मिलिट्री कमांड भारत से तनाव को देखते हुए पीएलए के सपोर्ट के लिए ड्रोन की मदद ले रही है। इससे साबित होता है कि पीएलए किसी भी चुनौती के लिए तैयार है।’’
राहुल का मोदी सरकार पर निशाना
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है। भारत सरकार इसे वापस लेने की कोई योजना बना रही है या फिर इसे ‘भगवान की मर्जी’ मानकर छोड़ देंगे?’’
इधर रूस में, दोनों देशों के बीच 5 पॉइंट पर सहमति
भारत-चीन विवाद सुलझाने के लिए 5 पॉइंट के प्लान पर सहमति बनी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी की गुरुवार शाम मॉस्को में बातचीत हुई। इसमें कहा गया है कि बॉर्डर के इलाकों में मौजूदा स्थिति किसी के हित में नहीं है। दोनों देशों के जवानों को बातचीत जारी रखते हुए तेजी से डिसएंगेजमेंट (विवादित इलाकों से सैनिक हटाने का काम) करना चाहिए।