भोपाल। अब इमारतों, सिनेमाघरों, दफ्तरों आदि में लगी लिफ्ट, एस्केलेटर और मूविंग वॉक का सिक्योरिटी ऑडिट कराना अनिवार्य होगा। राज्य शासन ने इसके नियम का प्रारूप भी राजपत्र में प्रकाशित कराया है। 15 दिन के भीतर नागरिक अपने सुझाव एवं आपत्ति दर्ज कराने को भी कहा है। नागरिकों की सुरक्षा की खातिर शासन ने भूमि विकास नियम में संशोधन किया है। इसके अनुसार अब भोपाल समेत प्रदेश के सभी शहरों में लगी विभिन्न आकार -प्रकार की लिफ्ट, एस्केलेटर और मूविंग वॉक (रैंप) का ऑडिट कराया जाएगा।
इन पर ऑडिट की तारीख का उल्लेख भी रहेगा। इमारतों, सिनेमाघरों, दफ्तरों आदि के निर्माण के बाद पूर्णत: प्रमाण पत्र का आवेदन संबंधित निकाय में करने पर ऑडिट इंजीनियर इनकी सुरक्षात्मक जांच करेगा। इसकी रिपोर्ट के बाद कंपलिशन सर्टिफिकेट जारी होगा। ऑडिट के बाद संबंधित निकाय एक यूनिक कोड जारी करेगा। जिन दो या तीन मंजिला आवासों में परिवार ने अपने उपयोग के लिए पिछले छह माह से लिफ्ट लगा रखी है, उन्हें 500 रुपए का शुल्क देकर नगरीय निकाय में रजिस्ट्रेशन कराना होगा।