इंदौर। कलेक्टर के फर्जी हस्ताक्षर कर 1 करोड़ 44 लाख का मुआवजा पाने की कोशिश करने पर एक ही परिवार की तीन महिला और एक पुरुष पर धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है। मुआवजा देपालपुर तहसील में राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए अधिगृहीत की गई जमीनों से जुड़ा है। आरोपियों ने बेटमा खुर्द की जमीन पर फर्जी नाम चढ़वा लिए। औद्योगिक केंद्र विकास निगम से सहमति पत्र साइन करा लिया। भू-अर्जन शाखा में मुआवजे का प्रस्ताव गया और जांच की गई तो पता चला तत्कालीन कलेक्टर लोकेश जाटव के फर्जी साइन से आवेदन तैयार किया गया है।
मूल मालिक पहले ही जमीन बेच चुका
जो प्रकरण कलेक्टर के समक्ष पेश हुआ, वह साबरा बी पति अब्दुल नासिर, नदीम अहमद, फौजिया और सूफिया नवेद के नाम से था। एनएच 59 से जुड़ने वाले गांवों के करीब बीस प्रकरण जमा हुए थे, जिनका मुआवजा तय होना था। साजिश जमीन के मुआवजे में मिलने वाले 1 करोड़ 44 लाख के रुपयों को लेकर रची गई थी। बताया गया है कि राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज अब्दुल नासिर तो जमीन पहले ही बेच चुका था, जिसका नामांतरण रिकॉर्ड में अभी तक नहीं हुआ है।