कांग्रेस के संसदीय दल की बैठक मंगलवार को होगी। बैठक की अध्यक्षता पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी। इसमें 14 सितंबर से शुरु होने वाले संसद सत्र में पार्टी की रणनीतियों पर चर्चा होगी। सूत्रों के मुताबिक, सत्र के दौरान पार्टी कोरोना, अर्थव्यवस्था और चीन सीमा विवाद पर सरकार को घेर सकती है। बैठक में राहुल गांधी भी मौजूद होंगे। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूएसी) की बैठक के बाद यह पहला मौका होगा जब राहुल गांधी और सोनिया गांधी एक साथ पार्टी नेताओं से मुखातिब होंगे।
बैठक में इस बात पर भी नजर रखी जाएगी कि सीडब्ल्यूएसी की पिछली बैठक का पार्टी नेताओं पर क्या असर हुआ। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, एके एंटनी, आनंद शर्मा, अधीर रंजन चौधरी, के सुरेश, केसी वेणुगोपाल, गौरव गोगोई, मणिक्कम टैगोर, मनीष तिवारी और जयराम रमेश शामिल होंगे।
सीडब्ल्यूसी बैठक में सोनिया ने की पद छोड़ने पेशकश की थी
कांग्रेस सीडब्ल्यूसी की बैठक 24 अगस्त को हुई थी। यह मीटिंग 7 घंटे चली थी। सोनिया गांधी ने बैठक की शुरुआत में ही अंतरिम अध्यक्ष पद छोड़ने की इच्छा जाहिर कर दी थी, इसके बावजूद उन्हें ही यह जिम्मेदारी दी गई। ये जरूर तय कर लिया गया कि नए अध्यक्ष का चयन 6 महीने के भीतर कर लिया जाएगा। बैठक में यह भी फैसला लिया गया था कि कांग्रेस कमेटी का अगला सेशन जल्द से जल्द बुलाया जाएगा, ताकि नए अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
कांग्रेस के 23 नेताओं ने सोनिया को चिट्ठी लिखी थी
कांग्रेस के 23 नेताओं ने 23 अगस्त को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर ऊपर से नीचे तक बदलाव करने की मांग की थी। चिट्ठी लिखने वालों में 5 पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य, सांसद और कई पूर्व केंद्रीय मंत्री शामिल थे। इसमें ऐसे फुल टाइम (पूर्णकालिक) लीडरशिप की मांग की गई थी जो प्रभावी हो और फील्ड में एक्टिव रहे। उसका असर भी दिखे। राहुल गांधी ने इन चिट्ठियों को भाजपा की मिलीभगत से भेजे जाने की बात कही थी। इस पर गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने आपत्ति जताई थी। बाद में खबरें आईं कि पार्टी ने इस मसले को सुलझा लिया।