भोपाल। मध्य प्रदेश में 27 सीटों पर उपचुनाव होने है। उपचुनाव कब होंगे इसकी अभी तक घोषणा नहीं की गई है। वहीं दूसरी ओर उपचुनाव नहीं होने से शिवराज सरकार के 2 मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ सकता है। शिवराज सरकार के 2 मंत्री तुलसी सिलावट और गोविंद राजपूत को इस्तीफा देना पड़ सकता है। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने आज एक बयान दिया है।
अपने बयान में विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने कहा कि 21 अक्टूबर तक विधानसभा सदस्य निर्वाचित न होने पर तुलसी सिलावट और गोविंद राजपूत को इस्तीफा देना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि मंत्री पद की शपथ के 6 महीने के भीतर इन दोनों मंत्रियों को सदस्य चुना जाना जरूरी है और ये दोनों मंत्री 21 अप्रैल को मंत्री पद की शपथ ली थी ।
देना पड़ेगा मंत्री पद से इस्तीफा
विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने कहा कि 21 अक्टूबर तक निर्वाचित नहीं होने दोनों मंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। दोनों मंत्रियों का कार्यकाल 21 अक्टूबर को पूरा होगा। मंत्री पद की शपथ लेने की तारीख से 6 माह तक मंत्री रह सकते है। विधानसभा की सदस्यता जरूरी है इसलिए चुनाव होंने है साथ ही रिजल्ट आना जरूरी है।
विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी
एपी सिंह ने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार कोई भी व्यक्ति विधानसभा का सदस्य बने बिना 6 महीने तक मंत्री बना रह सकता है,लेकिन 6 महीने के अंदर उन्हें विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी है नहीं तो 6 महीने पूरे होते ही स्वमेव ही मंत्री पद चला जायेगा।
ये है मामला
मंत्री तुलसी सिलावट और गोविंद राजपूत ने अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने के बाद दोनों लोगों को भाजपा सरकार में मंत्री बना दिया गया है। मंत्री बनने के 6 माह के अंदर इन दोनों मंत्री को चुनाव जीतना जरूरी है और इन दोनों लोगों को 21 अप्रैल को मंत्री बनाया गया था। इन दोनों मंत्रियों को 6 माह के अंदर विधायक बनना जरूरी है अगर ये लोग 21 अक्टूबर तक विधानसभा का सदस्य नहीं बनते तो इन दोनों लोगों को इस्तीफा देना पड़ सकता है।