भोपाल। उद्यानिकी विभाग में केंद्र सरकार से पोषित 100 करोड़ की यंत्रीकरण योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है। विभाग ने एमपी एग्रो के एमडी श्रीकांत बनोठ की अध्यक्षता में चार तकनीकी अफसरों की जांच कमेटी बनाई थी, जिसने साेमवार काे अपनी रिपाेर्ट शासन काे साैंप दी। रिपाेर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में अफसरों ने किसानों को डेढ़ लाख रुपए कीमत के पावर टिलर की जगह 21 से 52 हजार रुपए के सस्ते पावर विडर और पावर स्प्रेयर बांटे। ये सारे कृषि यंत्र मेड इन चाइना हैं। कमेटी ने जांच पूरी करने के लिए सभी जिलों से किसानों को बांटे गए दो-दो कृषि यंत्र पुष्टि के लिए भोपाल बुलवाए थे। प्रत्येक जिले के पावर टिलर की गुणवत्ता जांची गई।
इसमें पाया गया कि कृषि क्राफ्ट कंपनी के नाम से तीन फर्माें ने कई किसानों को पॉवर विडर व पॉवर स्प्रेयर दिए हैं। फर्माें के कर्ता-धर्ता छत्तीसगढ़ के जिग्नेश पटेल है। एमपी एग्रो की दरों के मुताबिक पॉवर टिलर की कीमत 1.57 लाख की है, जबकि ज्यादातर किसानों को पॉवर स्प्रेयर बांट दिए गए है। इनकी कीमत 21 हजार से 52500 रुपए तक है। कुल 1647 किसानों को 25 करोेड़ के चाइना में बने कृषि यंत्र बांटे गए है।
किसानों को रसीदें थमाई, सब्सिडी खाते में नहीं डाली
योजना में केंद्र सरकार के निर्देशों के मुताबिक डीबीटी के तहत खातों में सब्सिडी की 50 फीसदी राशि डाली जानी थी। किसानों के खाताें में राशि भेजने की जगह कंपनियों को भुगतान करवा दिया गया। कंपनी ने किसानों को 75 हजार रु. की रसीदें सौंप दी। किसानों से उनका 75 हजार रुपए का अंशदान नहीं लिया गया।
पूर्व मंत्री ने जांच बैठाई, अफसरों ने बचाया
कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र रघुवंशी ने यंत्रीकरण योजना में मंदसौर में भारी भ्रष्टाचार होने और नियम विरूद्ध सीधे भुगतान करने की शिकायत पर तत्कालीन मंत्री सचिन यादव ने 23 अक्टूबर 2019 को संचालक उद्यानिकी डॉ. एम कालीदुरई को तत्काल जांच कराने के लिए नोटशीट लिखी थी। इस दौरान कृषि उत्पादन आयुक्त व एसीएस प्रभांशु कमल थे। नोटशीट में जांच के दौरान उप संचालक उद्यान प्रभारी मनीष चौहान का तबादला मंदसौर मुख्यालय से अन्यंत्र करने का लिखा गया था। विभागीय अफसरों ने मंत्री की नोटशीट पर कोई कार्रवाई नहीं की। लोकायुक्त जांच में मंदसौर में घोटाले की पुष्टि हो गई है।
उद्यानिकी मंत्री ने साधी चुप्पी
घोटाला सामने आने के बाद उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने एक सप्ताह से चुप्पी साध रखी है। मंत्री के स्टाफ में जितेंद्र शर्मा ने कहा कि मंत्री की तबीयत खराब है। वहीं भाजपा नेता गोविंद मालू ने दोषी अफसरों के खिलाफ केेंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र िसंह तोमर को पत्र लिखा है। उन्होंने घोटाले की जांच एसआईटी से कराने की मांग की है।
मैंने लिखी थी नाेटशीट
यंत्रीकरण योजना में गड़बड़ी की शिकायत पर मैंने ही जांच के लिए नोटशीट लिखी थी। अफसर को हटाने के लिए लिखा था। जांच पूरी होने के पहले ही भाजपा ने कांग्रेस सरकार गिरवा दी।
-सचिन यादव, तत्कालीन कृषि मंत्री