प्रदेश में एक दिन में सबसे ज्यादा 1885 केस; इंदाैर के एमटीएच अस्पताल में सोमवार को 14 मरीजाें की माैत से हड़कंप; हाईकोर्ट ने सरकार को इलाज खर्च तय करने के निर्देश

Posted By: Himmat Jaithwar
9/8/2020

मध्यप्रदेश में कोरोना एक बार फिर बेकाबू हो गया है। यहां एक दिन में सबसे ज्यादा 1885 कोरोना के केस सामने आए हैं। अबतक कुल 75, 459 केस हो चुके हैं। इंदाैर के एमटीएच अस्पताल में बीते 24 घंटे में ही 14 काेविड मरीजाें की माैत हाे गई। यह खबर आते ही अस्पताल प्रबंधन और प्रशासन में हड़कंच मच गया। हालांकि रिकॉर्ड में कोरोना से 6 मौतें दिखाई गई हैं। इसके अलावा सोमवार को 295 नए मरीज मिले, इनमें एमटीएच अस्पताल के 33 जूनियर डॉक्टर हैं। राजधानी भोपाल में सोमवार को 234 संक्रमित मिले। अब हर दिन 200 से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। 10 दिन में 2139 केस बढ़े हैं। वहीं, कोरोना मरीजों के इलाज खर्च को लेकर सोमवार को मप्र हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया। चीफ जस्टिस एके मित्तल और जस्टिस व्हीके शुक्ला की पीठ ने सरकार को निर्देश दिए कि वह इलाज की दर तय करे। निजी अस्पताल इलाज खर्च की रेट लिस्ट लगाएं।

इंदौर: एमटीएच अस्पताल में एक ही दिन में 14 काेराेना मरीजाें की माैत से हड़कंप

शहर में काेराेना वायरस गंभीर मरीजाें काे अब तेजी से चपेट में ले रहा है। इंदाैर के एमटीएच अस्पताल में बीते 24 घंटे में ही 14 काेविड मरीजाें की माैत हाे गई। यह खबर अाते ही अस्पताल प्रबंधन अाैर प्रशासन में हड़कंच मच गया। हालांकि रिकॉर्ड में कोरोना से 6 मौतें दिखाई गई हैं। इसके अलावा सोमवार को 295 नए मरीज मिले, इनमें एमटीएच अस्पताल के 33 जूनियर डॉक्टर हैं। दरअसल, इस अस्पताल में लापरवाही की पहले से शिकायतें मिल रही थीं। सोमवार को एक परिवार ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ हंगामा किया अाैर तोड़फोड़ भी की। उनका आरोप था कि मरीज का सही इलाज नहीं किया गया। इधर, जो 14 मौतें हुई उन पर भी सवाल उठ रहे हैं कि एक ही दिन में इतनी बड़ी संख्या में मरीजों की जान कैसे गई। मरने वालों में 4 मरीज 50 वर्ष से कम उम्र के बताए जा रहे हैं। मामले में अस्पताल का जिम्मा देख रहे डॉ. सुमित शुक्ला ने कहा कि जिम्मेदारों से बात कर रहे हैं कि मरीज कब से भर्ती थे, कितने मरीज गंभीर थे?

भोपाल में 86% आईसीयू बेड फुल, 388 सामान्य बेड खाली, लेकिन वे भी तीन दिन में भर जाएंगे
राजधानी में सोमवार को 234 संक्रमित मिले। अब हर दिन 200 से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। 10 दिन में 2139 केस बढ़े हैं। इस कारण कोविड डेडिकेटिड 8 अस्पतालों में कुल 1952 में से 1522 बेड फुल हो चुके हैं। जो 430 बेड बचे हैं, उनमें 42 आईसीयू के हैं। इन अस्पतालों में 294 आईसीयू बेड हैं, जिनमें से 252 (86%) भर चुके हैं। बीते पांच दिन में जितने मरीज मिले, उनमें से 10% गंभीर हालत में भर्ती हुए। यदि नए केस मिलने की रफ्तार ऐसी ही रही तो अगले तीन दिन में सभी बेड भरने की संभावना है। यह जानकारी सोमवार को स्वास्थ्य आयुक्त को भेजी गई एनएचएम की भोपाल कोविड फैसिलिटी बेड ऑक्यूपेंसी रिपोर्ट से मिली है। इसके मुताबिक सामान्य मरीजों के लिए सिर्फ 388 बेड ही खाली हैं और जिस गति से नए मरीज मिल रहे हैं, उससे लगता है कि अगले तीन दिन में ये बेड भी नहीं बचेंगे। अभी 277 मरीज होम आइसोलेट हैं। कुल 1952 बेड में 1152 सामान्य, जबकि 506 ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बेड हैं।

पीपुल्स मेडिकल कॉलेज को कोविड हॉस्पिटल की लिस्ट से हटाया
राज्य सरकार ने जुलाई-अगस्त में पीपुल्स मेडिकल कॉलेज को डेडिकेटिड कोविड हॉस्पिटल के रूप में अनुबंधित किया था। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग ने इसे अब लिस्ट से हटा दिया है। इस कारण यहां बीते 6 दिन से एक भी नया कोविड मरीज भर्ती नहीं हुआ है।

पर्याप्त तैयारी है बिस्तरों की कमी नहीं
एम्स, एलएन, हमीदिया में आईसीयू बेड उपलब्ध है। बिस्तरों की कमी जैसी कोई स्थिति नहीं है। सब जगह क्षमता बढ़ाई जा रही है। सरकारी के साथ निजी अस्पतालों में भी बिस्तर बढ़ाए जा रहे हैं। इस तरह की कोई समस्या नहीं है।
- अविनाश लवानिया, कलेक्टर

राजभवन में फिर मिले संक्रमित
राजधानी में सोमवार को 234 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। जबकि चार मरीजों की मौत हो गई। राजभवन के दो कर्मचारियों की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आई है। गौरतलब है कि राजभवन में पहले भी 20 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं।

हमीदिया में आईसीयू के 40 बेड, रिकॉर्ड में 100
हमीदिया की कोविड यूनिट में बने 100 बेड के आईसीयू में 21 मरीज भर्ती हैं। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने एनएचएम अफसरों को 7 सितंबर को भेजी रिपोर्ट में दी है। जबकि अभी इस आईसीयू में 40 बेड हैं। सभी फुल हैं। इसकी पुष्टि अस्पताल अधीक्षक डॉ. आईडी चौरसिया ने की है।

हाईकोर्ट का निर्देश: सरकार इलाज खर्च तय करे, निजी अस्पताल रेट लिस्ट डिस्प्ले करें

कोरोना मरीजों के इलाज खर्च को लेकर सोमवार को मप्र हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया। चीफ जस्टिस एके मित्तल व जस्टिस व्हीके शुक्ला की पीठ ने सरकार को निर्देश दिए कि वह इलाज की दर तय करे। निजी अस्पताल इलाज खर्च की रेट लिस्ट लगाएं। इस दौरान कोर्ट मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने बताया कि इंदौर जिला प्रशासन ने तय किया है कि निजी अस्पताल पूर्व निर्धारित दर से 40% अतिरिक्त बेड चार्ज ही ले सकते हैं। इसमें वेंटिलेंटर चार्ज भी शामिल रहेगा। इस पर चीफ जस्टिस ने सहमति जताते हुए अस्पताल में रेट लिस्ट लगाने के निर्देश जारी किए। मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी। कोर्ट ने यह निर्देश शाजापुर के सिटी अस्पताल के एक मामले में दिए हैं।

उस अस्पताल में एक 80 साल के बुजुर्ग को बिल का भुगतान न करने पर बंधक बनाकर रखने का आरोप लगाया गया था। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के जनरल सेक्रेटरी डॉ. अश्वनी कुमार ने शीर्ष अदालत को पत्र भेजकर सूचित किया था। बाद में यह मामला हाईकोर्ट को भेजा गया।



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