भोपाल-इंदौर चार्टर्ड बस सेवा साढ़े पांच महीने बाद शनिवार से फिर शुरू हो गई है। पहली बस सुबह 6:30 बजे भोपाल से इंदौर के लिए रवाना हुई। उसमें महज 13 यात्री बस में इंदौर के लिए सवार हुए। 55 सीटर बसों को पूरी क्षमता के साथ संचालित किया जा रहा है। दोनों तरफ से चार-चार बसें पहले दिन चलाई गई हैं। कोरोना से बचाव के तमाम सुरक्षा इंतजामों के बाद भी सुबह से तीन बसें जा चुकी हैं। इनमें आधी से कम सीटें ही भर पाई हैं।
भोपाल-इंदौर चार्टर्ड बस सर्विस शुरू हो गई है, हर यात्री की थर्मल स्क्रीनिंग हो रही है।
बसों को हर फेरे के पहले पूरी तरह से सैनिटाइज किया जा रहा है। यात्रियों को बिना मास्क के बस में एंट्री नहीं दी जा रही है। हर यात्री की थर्मल स्क्रीनिंग कराई जा रही है, उनके हाथों को सैनिटाइज किया जा रहा है। इसके बाद ही बसों में बैठने की अनुमति मिल रही है। आईएसबीटी में चार्टर्ड बस सेंटर से भास्कर की रिपोर्ट...
बसों को हर फेरे के बाद सैनिटाइज किया जा रहा है।
भोपाल: इंटर स्टेट बस टर्मिनल- सुबह 11.30 बजे
सुबह के 11:30 बजे हैं आईएसबीटी में चार्टर्ड बसों का संचालन शुरू हो गया है। टिकट काउंटर पर इक्का-दुक्का पैसेंजर टिकट लेने के लिए खड़े हैं। काउंटर पर पहले दिन दो लोगों को ही टिकट काटने के लिए रखा गया है। 3 बसें इंदौर के लिए सुबह से रवाना हो चुकी हैं, लेकिन यात्रियों की संख्या काफी कम रही है। कोरोना का डर अब भी लोगों को सता रहा है।
टिकट काउंटर पर पहले दिन कम भीड़ देखी गई।
इंदौर और भोपाल में कोरोना की रफ्तार फिर से तेज हो गई है। हर रोज 200 से 250 लोग नए केस सामने आ रहे हैं। इसके बावजूद राजधानी भोपाल और इंदौर को पूरी तरह से अनलॉक कर दिया गया है। यहां पर संडे का लॉकडाउन और रात का कर्फ्यू दोनों एक-एक करके हटा दिए गए हैं। इसके बाद बसों का संचालन शुरू हुआ है, लेकिन लोग अब भी चार्टर्ड के सफ़र से कतरा रहे हैं। 55 सीटर बसें बमुश्किल आधी ही भर पाई हैं।
बस प्रबंधन के कर्मचारियों को फेस शील्ड भी मुहैया कराई गई है।
बस पार्किंग एरिया- सुबह 11.45 बजे
यात्रियों को बसों में बैठाने से पहले थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। उन्हें सैनिटाइजर दिया जा रहा है, इसके बाद बस में बैठने की अनुमति दी जा रही है। चार्टर्ड बस 12.30 बजे रवाना होगी, 15 मिनट पहले का रिपोर्टिंग टाइम है, जिसमें यात्रियों को पहुंचना होगा। उसके पहले पहुंच गए यात्रियों की जांच पड़ताल करके बस कर्मचारी संतुष्ट हो जाना चाहते हैं। उसके पहले बसों को पूरी तरह से एक-एक सीट को सैनिटाइज किया जा रहा है। नए सीट कवर लगाए गए हैं। चूंकि बसें पूरी तरह से एयरकूल्ड हैं, ऐसे में यात्रियों को पास-पास बैठने में और ज्यादा खतरा महसूस हो रहा है।
बसों को पूरी तरह से सैनिटाइज करने की व्यवस्था की गई है। कर्मचारी सभी सीटों तक को सैनिटाइज करते हैं।
यात्रियों के लिए बड़ी है राहत चार्टर्ड बसों का शुरू होना
जबलपुर से आए सिद्धार्थ मिश्रा को इंदौर जाना है, वह इंदौर में प्राइवेट जॉब करते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें इंदौर जाने के लिए कोरोना के दौरान काफी मुश्किलें आईं, लेकिन अब चार्टर्ड बस शुरू हो गई हैं, जिससे हमें काफी राहत मिली है। मुझे चार्टर्ड बस का सफर बेहद पसंद है, ये आरामदायक है और सबसे जरूरी टाइम पर पहुंचते हैं। टिकट भी बहुत ज्यादा महंगा नहीं है। इस सुविधा के शुरू होने से हम जैसे यात्रियों को काफी राहत मिलेगी। कोरोना का डर है लेकिन कामकाज के लिए आना जाना भी जरूरी है। सुरक्षा के सभी इंतजाम कर रहे हैं। टैक्सी लेकर जाना काफी महंगा सफर साबित हो रहा था।
बसों का संचालन शुरू होने के बाद पहले दिन यात्रियों की संख्या काफी कम रही है।
अब भोपाल से इंदौर का सफर आसान हो गया
भोपाल निवासी दिवाकर मिश्रा ने बताया कि वह चार्टर्ड बस सर्विस शुरू होने से भोपाल और इंदौर का सफर काफी आसान हो गया। दिवाकर ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब उनके लिए एक ही दिन में इंदौर जाकर अपना कामकाज करके, वापस भोपाल आना सरलता से हो जाएगा। इसके पहले इंदौर जाने के लिए टैक्सी लेनी पड़ती थी। जो एक आम यात्री के लिए काफी महंगा सफल साबित हो रहा था।
कांटेक्ट फ्री सुविधा के तहत टिकट को दूर से ही देखकर चेक कर लिया जाता है।
कोरोना से बचाव के पक्के इंतजाम, मास्क लगाए बगैर किसी को एंट्री नहीं
चार्टर्ड बस सर्विस में प्रबंधक दीपक कुमार मौर्य ने बताया की बसों का संचालन पूरी क्षमता के साथ आज से शुरू कर दिया गया है। बसों को हर फेरे के बाद सैनिटाइज किया जा रहा है। यात्रियों को बिना मास्क के बस में बैठने की अनुमति नहीं है। उनकी थर्मल स्क्रीनिंग भी हो रही है। इसके बाद ही बसों में बैठाया जा रहा है। दोनों तरफ से दो-दो बसों का संचालन शुरू किया गया है। ये बसें 9.30 रात तक फेरे लगाएंगी। बसें साढ़े 5 महीने बाद चालू हो हुई हैं लेकिन किराए में भी कोई वृद्धि नहीं की गई है। किराया भोपाल से इंदौर का ₹350 पहले भी था और अब भी वही रखा गया है।सर्विस शुरू होने से यात्रियों को काफी राहत मिली है।
बस टर्मिनल को पहुंचने वाली गैलरी, जहां से लोग बस पकड़ने के लिए पार्किंग पहुंचते हैं।