बिहार की ट्रेनी IPS को पीएम मोदी ने समझाया- टेक्‍सटाइल में धागे जोड़ते हैं, टेरर में धागे खोलते हैं!

Posted By: Himmat Jaithwar
9/4/2020

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुकवार को आईपीएस प्रोबेशनर्स से बात की। देश की सेवा में शामिल होने जा रहे इन अधिकारियों को पीएम मोदी ने ट्रेनिंग प्रक्रिया से लेकर लोकतंत्र और योग तक की महत्‍ता समझाई। इस दौरान उन्‍होंने आई ट्रेनी अधिकारियों से संवाद भी किया। उन्‍होंने इन अधिकारियों को 'सिंघम' बनने से बना किया और कहा कि 'प्रेम का सेतु' जोड़‍िए। पीएम मोदी ने बिहार कैडर की ट्रेनी आईपीएस तनुश्री को मजेदार अंदाज में टेक्‍सटाइल और टेरर का फर्क भी समझाया।

तनुश्री ने गांधीनगर से ली है टेक्‍सटाइल डिजाइन में डिग्री
तनुश्री ने पीएम मोदी को बताया कि वो बिहार से हैं और गांधीनगर से टेक्‍सटाइल डिजाइन में स्‍नातक की डिग्री ली है। इस पर पीएम मोदी ने कहा कि 'आप भी गुजरात में जाकर के आई हैं।' फिर उन्‍होंने पूछा कि 'टेक्‍सटाइल और टेरर... कैसे गुजारा करोगी?' इसपर तनुश्री ने कहा कि उन्‍हें ट्रेनिंग बहुत अच्‍छी मिली है। तब पीएम मोदी ने समझाते हुए कहा, "देखिए टेक्‍सटाइल में धागे जोड़ने होते हैं और टेरर में धागे तोड़ने होते हैं। तो अलग-अलग पहलू के काम करने पड़ेंगे आपको।"

'जाते ही सिंघम मत बन जाना'
पीएम मोदी ने ट्रेनी अधिकारियों को हिदायत दी कि वे फिल्‍में देखकर उसी तरह अपना रौब झाड़ने की कोशिश न करें। पीएम ने कहा, "कुछ पुलिस के लोग जब पहले ड्यूटी पर जाते हैं तो उनको लगता है कि पहले मैं अपना रौब दिखा दूं, लोगों को मैं डरा दूं। मैं लोगों में अपना एक हुकुम छोड़ दूं और जो ऐंटी सोशल एलिमेंट हैं वो तो मेरे नाम से ही कांपने चाहिए। ये जो सिंघम वाली फिल्में देखकर बड़े बनते हैं, उनके दिमाग में ये भर जाता है और उसके कारण करने वाले काम छूट जाते हैं।"

पीएम ने समझाया, कैसा हो एक पुलिसवाला
मोदी ने कहा, "सामान्य मानवीय पर प्रभाव पैदा करना है या सामान्य मानवीय में प्रेम का सेतु जोड़ना है, ये तय कर लीजिए। अगर आप प्रभाव पैदा करेंगे तो उसकी उम्र बहुत कम होती है, लेकिन प्रेम का सेतु जोड़ेंगे तो आप रिटायर हो जाएंगे तब भी जहां आपकी पहली ड्यूटी रही होगी वहां के लोग आपको याद करेंगे कि 20 साल पहले ऐसा एक नौजवान अफसर आया था जो हमारी भाषा तो नहीं जानता था लेकिन अपने व्यवहार से लोगों के दिलों को जीत लिया था। आप एक बार जनसामान्य के दिलों को जीत लेंगे तो उनका नजरिया अपने आप बदल जाएगा।"



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