बेरोजगार युवा संघ के बैनरतले कई युवकों ने शहर में बाइक रैली निकाली। युवकों का कहना था कि कोरोना संक्रमण में कई युवकों का रोजगार छिन गया। वे बेरोजगार होकर खुदकुशी करने पर विवश हैं। हमें इस दौर में भाषण नहीं रोजगार चाहिए। कई सरकारी पदों पर भर्तियां नहीं हुई हैं। सालों से पद खाली पड़े हैं और युवक बेरोजगार होकर भटक रहे हैं। युवक रैली के रूप में कलेक्टोरेट पहुंचे और ज्ञापन दिया। बेरोजगार युवा संघ की मांग है कि भर्ती परीक्षा में एनआरए पद्धति लागू ना हो। 10वीं एवं 12वीं मप्र बोर्ड से करने वालों को नौकरी दी जाए। मप्र पुलिस में 15 हजार आरक्षक पद खाली पड़े हैं। वहीं प्रदेश में पुलिस में उप निरीक्षक पद 1500 खाली हैं। अधिकतम भर्ती आयु 37 वर्ष हो। भर्ती प्रक्रिया एमपीपीईबी के माध्यम से हो एवं आरटीआई की अनुमति के साथ पारदर्शिता लाई जाए। वहीं अन्य विभाग में भर्ती निकाली जाए। जिलेभर में बेरोजगार कर रहे आंदोलन: कोरोना संक्रमण की वजह से जिलेभर के कई युवा बेरोजगार हुए हैं। इसलिए जगह-जगह प्रदर्शन का सिलसिला तेज होता जा रहा है। बेरोजगार युवक ज्ञापन के साथ अपनी नाराजी भी जता रहे हैं। विदिशा शहर में ही कोरोना संक्रमण की वजह से करीब ढाई हजार से ज्यादा युवक बेरोजगार हो गए हैं। विधायक बोले, बेरोजगारों के हित में केन्द्र एवं राज्य सरकार निर्णय ले: बेरोजगार युवा संघ के कार्यकर्ताओं ने विधायक शशांक भार्गव को भी ज्ञापन दिया। विधायक का कहना है कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि बेरोजगारों के हित में शीघ्र-अतिशीघ्र निर्णय ले। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार जिस प्रकार से नई भर्ती व्यवस्था के क्रम में सरकारी नौकरी के इच्छुक सभी उम्मीदवारों को राष्ट्रीय भर्ती एजेन्सी एनआरए द्वारा आयोजित किए जाने की व्यवस्था कर रही है वह अनुचित है। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री घोषणा कर रहे है कि प्रदेश में सरकारी नौकरियां सिर्फ मप्र के ही बेरोजगारों को ही दी जाएगी। वहीं दूसरी ओर एनआरए जैसे कदम उठाकर भर्ती की नई प्रक्रिया लागू करना अनुचित है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार एवं केन्द्र सरकार को बेरोजगारी की गंभीर समस्या आपातकालीन योजना तैयार की जाना चाहिए।