जिला जेल के जेलर केके कुलश्रेष्ठ और हनीट्रैप की आरोपी श्वेता विजय जैन के बीच बातचीत का एक फोटो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है। भोपाल मुख्यालय ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। जिसके बाद गुरुवार सुबह भोपाल से आए डीआईजी संजय पांडे ने दो बार जेल का दौरा किया। पांडे अलसुबह 5 बजे जेल पहुंचे और यहां करीब ढाई घंटे महिला बैरक में जांच की। इस दौरान उन्हें बैरक से सन स्क्रीन, शैंपू पाउच, मूंगफली के दाने मिले। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि कुछ बादाम भी मिले, लेकिन अधिकारी ने इस बात की पुष्टि नहीं की। उन्होंने केवल मूंगफली के दाने मिलने की बात कही।
जेलर और श्वेता का यह फोटो वायरल होने के बाद मामला गरमा गया है। जेलर पर ऐसे आरोप लगने लगे कि वे हनीट्रैप की आरोपियों को वीआईपी सुविधा दे रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, डीआईजी अपने साथ पुलिसबल लेकर आए थे। उन्होंने जेल के बाहर ही खड़े होकर गेट खोलने को कहा। इसके बाद जेल में अफरा-तफरी की स्थित बन गई। डीआईजी ने सभी के मोबाइल बंद करवा दिए। कुछ बाहर रखवा दिए। जेल में डीआईजी ने सबसे पहले महिला बैरक समेत अन्य संवेदनशील वार्डों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि जेल के भीतर किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, मोबाइल, हिडन कैमरे लेकर जाना प्रतिबंधित है। ऐसे में मोबाइल से फोटो, वीडियो बनाना गंभीर अपराध है। हम यह जांच कर रहे हैं कि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जेल के भीतर कैसे आया। शुरुआती जांच में पूरे मामले में किसी स्टाफ की संलिप्तता है।
डीआईजी अलसुबह जेल आए और करीब ढाई घंटे तक जांच की।
महिलाओं के पास शैंपू, मूंगफली के दाने मिले
पांडे के अनुसार, जांच में महिला बैरक में कुछ सामान मिला है। इसमें सन स्क्रीन, मूंगफली के दाने, शैंपू पाउच शामिल हैं। हालांकि इसमें कोई आपत्तिजनक वस्तु नहीं है। शैंपू पाउच को लेकर कहा कि डॉक्टर ने महिलाओं को बाल धोने के लिए कहा है। महिलाओं के पास एक-दो पाउच मिले। यह जेल प्रशासन ने ही इन्हें दिया है। वहीं, सनस्क्रीन को लेकर कहा कि एक महिला को स्किन की समस्या है, इसलिए डॉक्टर ने उसे यह लिखा है। उन्होंने कहा कि जेल बड़ा होने से महिला बल से महिला वार्ड की तलाशी करवाई गई। इसके अलावा अति संवेदनशील वार्ड को भी जांचा गया।
जेलर का काम रोज सभी वार्डों का दौरा करना
पांडे के अनुसार, जेल में जेलर, जेल अधीक्षक और जेल अधीक्षक के विवेक पर किसी एक अधिकारी को मोबाइल रखने की सुविधा मिली है। शुरुआती जांच में पता चला है कि फोटो वायरल करना किसी ना किसी कर्मचारी की हरकत है। महिला वार्ड में कुछ चिह्नित लाेगों की ही आवाजाही होती है। महिला स्टाफ के अलावा, जेलर, जेल अधीक्षक और चक्कर अधिकारी का दायित्व होता है कि हर दिन जेल के सभी वार्डाें का निरीक्षण करें। जेलर ने इसी सिलसिले में राउंड किया होगा। इस दौरान यदि किसी को कोई समस्या है, जैसे उसके रहने, खाने-पीने, उसकी सुरक्षा की तो अन्य कोई समस्या मेडिकल या लीगल तो जेलर से वह कह सकती है। जेलर का दायित्व है कि समस्या का निराकरण करे।
डीआईजी पांडे सुबह फिर से जांच के लिए जेल पहुंचे।
आए थे कोरोना की जांच करने, उठ गया हनीट्रैप मुद्दा
कोरोना को लेकर पांडे ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी चिंता का विषय पिछले एक सप्ताह में 50 संक्रमित कैदियों का पाया जाना है। कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है या नहीं, जो नए कैदी आ रहे हैं, उनका टेस्ट किया गया या नहीं, उन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखा गया या नहीं। इन सभी मुद्दों पर जांच के लिए आया था। कोराेना के बढ़ते मामले को लेकर अवलोकन करने के बाद कुछ बंदियों को स्थानांतरित किया जा सकता है। अभी जो संक्रमित पाए गए हैं, उन्हें असरावद स्थित अस्थाई जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। कई बंदियों ने आवेदन दिए हैं कि कोरोनाकाल में उन्हें रिहा किया जाए या पैरोल दी जाए।
जिला जेल में सुबह से हलचल बढ़ गई थी। पुलिस की आवाजाही सुबह से ही जारी रही।
जेलर बोले- खुली जगह पर बैठा था
जेलर का कहना है कि जिस स्थान पर मैं बैठा था, वह खुला स्थान है। कोई भी महिला बंदिनी आ सकती हैं तो वह अपनी समस्या को लेकर बात कर सकती है। मैं भी उनकी बात सुन रहा था। इसी दौरान का यह वाक्या है। बिना साजिश के यह नहीं हो सकता। जेल में मोबाइल पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
हनीट्रैप मामले में गिरफ्तार दोनों श्वेता, आरती और बरखा। (फाइल फोटो)
यह है मामला
फोटो में कुलश्रेष्ठ महिला वार्ड के बाहर कुर्सी पर बैठे हुए हैं और श्वेता से बात कर रहे हैं। जेल मैन्युअल के अनुसार, महिला वार्ड में पुरुष अफसर जाकर किसी महिला कैदी से अकेले में बात नहीं कर सकते। इनके बीच क्या बात हुई, इसकी जानकारी नहीं मिली, लेकिन जो फोटो वायरल हुआ, उसके साथ मुख्यालय तक ये शिकायत भी पहुंची कि श्वेता और हनी ट्रैप की अन्य आरोपियों को जेल में वीआईपी सुविधाएं देने पर बात हो रही थी। इस फोटो को किसी जेलकर्मी ने ही खींचा और वायरल किया।
ऐसी है हनीट्रैप की कहानी
हनीट्रैप मामले में फरियादी नगर निगम इंजीनियर हरभजन सिंह ने 17 सितंबर 19 को पलासिया थाने में दर्ज कराया था। इसमें आरती दयाल और मोनिका पर अश्लील वीडियो बनाकर दो करोड़ रुपए मांगने का आरोप लगाया था। इसी मामले में बाद में भोपाल से तीन अन्य श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल और बरखा सोनी को गिरफ्तार किया गया। ये महिला आरोपी और उनका ड्राइवर जेल में है।