भोपाल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पसंद, जमीनी स्तर पर संगठन का काम करने वाले नेता एवं सांसद विष्णु दत्त शर्मा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के 6 महीने बाद सिर्फ 5 महाम़ंत्रियों की लिस्ट जारी कर पाए। दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पितृपक्ष से ठीक एक दिन पहले भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी घोषित करने के बजाय सिर्फ पांच महा मंत्रियों के नाम घोषित किए।
सिर्फ पांच महामंत्री ही क्यों घोषित किए गए
श्री रणवीर सिंह रावत: शिवपुरी जिले के करैरा विधानसभा सीट पर उपचुनाव है। रणवीर रावत के बिना चुनाव जीतना असंभव है और रणवीर रावत केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर गुट के कद्दावर नेता है।
श्री हरिशंकर खटीक: टीकमगढ़ जिले की जतारा विधानसभा से विधायक। अनुसूचित जाति के नेता। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह गुट से आते हैं। सरकार में कैबिनेट मंत्री नहीं बना पाए इसलिए संगठन में महामंत्री बना दिया। जातिवाद और शिवराज गुट दोनों को संतुलित किया।
श्री शरतेन्दु तिवारी: विंध्य का नया ब्राह्मण शेर है। राजा साहब अर्जुन सिंह के बेटे राजा साहब अजय सिंह को 2018 के विधानसभा चुनाव में पराजित किया है। मंत्री पद के दावेदार थे। महामंत्री बनाकर विंध्य के ब्राह्मणों को संतुष्ट किया।
श्री भगवानदास सबनानी: भारतीय जनता पार्टी की तुलना में उमा भारती का चुनाव करने के कारण भगवानदास सबनानी की सीनियरिटी चली गई थी। संगठन में वापसी हो गई थी परंतु महत्व नहीं मिला था। दलबदल की सजा पूरी होने और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से माफी मिलने के बाद महामंत्री पद दिया गया।
सुश्री कविता पाटीदार: भारतीय जनता पार्टी में परिवारवाद का सफल स्तंभ है। सुंदरलाल पटवा सरकार में मंत्री रहे भाजपा नेता श्री भेरूलाल पाटीदार की बेटी है। यही इनकी सबसे बड़ी पहचान है। पिछड़ा वर्ग से आती हैं और महिला नेता है इसलिए दोनों खास बातों का फायदा मिला। संगठन में पहले भी मंत्री रह चुकी हैं और फिर कैलाश विजयवर्गीय गुट से एक नाम तो बनता है।