रविवार को मन की बात कार्यक्रम सुबह 11 बजे से शुरू हुआ और करीब आधे घंटे तक चला। टीवी और रेडियो के अलावा मोदी के इस कार्यक्रम को यूट्यूब पर भी दिखाया जाता है। इसे भाजपा के यूट्यूब चैनल के अलावा नरेंद्र मोदी, पीएमओ, पीआईबी और दूरदर्शन के चैनल पर भी अपलोड किया गया था। लेकिन, हर चैनल पर लाइक के मुकाबले डिसलाइक की संख्या ज्यादा थी।
भाजपा के चैनल पर अपलोड वीडियो पर 4.5 लाख डिसलाइक
भाजपा के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए इस वीडियो पर 4.5 लाख से ज्यादा डिसलाइक आ चुके हैं। शायद ये पहली बार है जब इस प्रोग्राम के वीडियो पर इतने ज्यादा डिसलाइक आए हैं।
भाजपा के अलावा इस वीडियो को पीएमओ के यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड किया गया है, जहां इस पर 70 हजार से ज्यादा बार डिसलाइक किया जा चुका है। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी के यूट्यूब चैनल पर अपलोड मन की बात प्रोग्राम के वीडियो पर 1 लाख से ज्यादा डिसलाइक आए हैं।
डिसलाइक भले ही, लेकिन सबसे ज्यादा देखा भी यही गया
मोदी के 30 अगस्त को की गई मन की बात के वीडियो को भले ही अब तक के सबसे ज्यादा डिसलाइक्स मिले हों, लेकिन सबसे ज्यादा व्यूज भी इसी वीडियो पर आए हैं। भाजपा के यूट्यूब चैनल पर अपलोड इस वीडियो को 17 लाख से ज्यादा से ज्यादा बार देखा गया है।
इससे पहले इस साल मार्च में मोदी ने जब मन की बात की थी, तब 2.76 लाख से ज्यादा व्यूज आए थे। उस समय मोदी ने लॉकडाउन लगाने पर देश से माफी मांगी थी। उस समय मोदी ने कहा था, 'लॉकडाउन से गरीबों को परेशानी हुई, पर 130 करोड़ आबादी वाले इस देश के पास कोरोना से बचने का और कोई चारा नहीं था।'
क्या नीट-जेईई की वजह से मिले इतने डिसलाइक?
प्रधानमंत्री मोदी ने करीब आधे घंटे तक मन की बात की। इसमें उन्होंने इस बार सबसे ज्यादा जोर आत्मनिर्भर भारत पर दिया। उन्होंने कहा आत्मनिर्बर भारत में टॉय इंडस्ट्री को बड़ी भूमिका निभानी है। मोदी की इस बात पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने निशाना साधा।
राहुल ने ट्वीट कर लिखा, 'नीट-जेईई के स्टूडेंस्ट परीक्षा पे चर्चा करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने खिलौने पे चर्चा कर ली।'
मोदी की मन की बात के कार्यक्रम के बाद से ट्वीट पर #studentdislikepmmodi भी ट्रेंड कर रहा है। इस हैशटैग के साथ कुछ स्टूडेंट्स मन की बात कार्यक्रम के वीडियो पर आए डिसलाइक्स के स्क्रीनशॉट्स भी शेयर कर रहे हैं।
दरअसल, 1 सितंबर से 6 सितंबर के बीच जेईई (मेन) और 13 सितंबर को नीट के एग्जाम होने हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच एग्जाम को टाला चाहिए। लेकिन, सरकार की तरफ से परीक्षाएं टालने की साफ मनाही हो चुकी है।