कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश में लागू 21 दिनों के लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ने जा रहा है। लॉकडाउन की वजह से भारत के विकास दर में गिरावट को लेकर बार्कलेज की रिपोर्ट चिंताजनक है। इसमें कहा गया है कि तीन सप्ताह के लॉकडाउन की वजह से कैलेंडर ईयर 2020 में भारत की जीडीपी विकास दर 2.5% तक गिर सकती है। पहले इसने भारत के लिए 2020 में 4.5 पर्सेंट ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया था। कई अन्य रेटिंग एजेंसियों और वित्तीय संस्थाओं जैसे आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए निराशाजनक अनुमान लगाए हैं। उधर, मूडीज ने भी जी20 देशों में मंदी का अनुमान जताया है।
ब्रिटने की वित्तीय कंपनी बार्कलेज ने रिपोर्ट में अंदेशा जाहिर किया है कि यह लॉकडाउन एक सप्ताह के लिए और बढ़ाया जा सकता है और यह कुल चार सप्ताह का होगा। इसके बाद 8 सप्ताह आंशिक लॉकडाउन के होंगे। इससे अर्थव्यवस्था को 120 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। तीन सप्ताह के लॉकडाउन से ही 90 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। यह नुकसान जीडीपी का 4 पर्सेंट है।
इस तरह जीडीपी विकास दर में 2 पर्सेंटेज पॉइंट की कमी हो सकती है। इसलिए बार्कले ने भारत के लिए विकास दर अनुमान को 4.5 पर्सेंट से घटाकर 2.5% कर दिया है। यदि ऐसा होता है तो यह 1992 के आर्थिक सुधारों के बाद देश का सबसे कम ग्रोथ रेट होगा।
वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था 1991 में 1.06% की गति से बढ़ी थी। इसके बाद देश में आर्थिक सुधारों को अंजाम दिया गया। 2020-21 के लिए वर्ल्ड बैंक ने विकास दर 3.5 पर्सेंट रहने का अनुमान लगाया है।
क्यों बुरा है कम विकास दर?
कम विकास दर का असर बहुत व्यापक होता है। विकास दर गिरता है तो कंपनियां भी अपना ग्रोथ अनुमान घटाती हैं। इससे कॉस्ट कटिंग होती है। वेतन में कम वृद्धि होती है। कर्मचारियों छंटनी भी होती है। बुधवार को ही गोएयर ने कहा है कि उसके कर्मचारियों के मार्च के वेतन में कटौती होगी। कंपनी के सीईओ ने कहा कि यात्रा प्रतिबंधों की वजह से उनके पास कोई और विकल्प नहीं रह गया है।
मूडीज का 2020 में जी-20 देशों में मंदी आने का अनुमान
वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कोरोना वायरस संकट के चलते बुधवार को जी-20 समूह देशों में इस साल मंदी आने का अनुमान जताया है। मूडीज ने अनुमान जताया है कि जी-20 समूह देशों का सब मिलाकर सकल घरेलू उत्पाद 2020 में 0.5 प्रतिशत घटेगी। इसमें अमेरिकी अर्थव्यवस्था में दो प्रतिशत और यूरोजोन (यूरो को मुद्रा के तौर पर अपनाने वाले देश) की अर्थव्यवस्था में 2.2 प्रतिशत का सिकुड़न होगा। जी20 में भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, जापान, रूस, सऊदी अरब, साउथ कोरिया, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश शामिल हैं।