शासकीय आयुर्वेद कॉलेज के कोविड हॉस्पिटल में काेराेना संक्रमित मरीजाें काे न सिर्फ घटिया खाना परोसा जा रहा है बल्कि उन्हें डिस्चार्ज करने में भी मनमानी की जा रही है। मरीजों के लिए पर्यटन विभाग के होटल तानसेन से खाना मंगाया जा रहा है लेकिन 300 रुपए की इस थाली में बटरा की दाल, खराब गुणवत्ता की सब्जी और चावल व रोटी दी जा रही है।
यही नहीं नाश्ते में भी सिर्फ खिचड़ी या दलिया दिया जा रहा है। जबकि सरकार की तरफ से सिर्फ खाने-पीने पर प्रति मरीज रोजाना लगभग 1000 रुपए खर्च तय है। इसी तरह किसी संक्रमित काे सात दिन ताे किसी काे तीन दिन में ही डिस्चार्ज किया जा रहा है जबकि कुछ मरीज ऐसे हैं जाे 10 दिन बाद भी दूसरी जांच न हाेने या घर न भेजे जाने से परेशान हैं।
अस्पताल की इन कमियाें का खुलासा यहां भर्ती आरटीआई एक्टिविस्ट हिमाचली मिश्रा ने रविवार काे एक वीडियो वायरल कर किया। हिमाचली ने पहले काेविड हाॅस्पिटल की सफाई व्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे। रविवार काे उन्हाेंने उन्हें दी गई खाने की थाली में बटरा की दाल दिखाते हुए यहां भर्ती महिलाओं से बात की और बताया कि कुछ मरीजों ने तो खराब खाना होने की वजह से थाली डस्टबिन में फेंक दिया।
हिमाचली ने बताया उनके सामने ऐसे कई मरीज भर्ती हुए, जिन्हें सिर्फ 3 से 4 दिन बाद ही होम आइसोलेट होने की कहकर डिस्चार्ज कर दिया गया तो कुछ मरीजाें काे 7 दिन में डिस्चार्ज किया गया। हिमाचली के मुताबिक मैं पूरी तरह से स्वस्थ हूं लेकिन अस्पताल प्रशासन आईसीएमआर की गाइडलाइन का हवाला देकर 10 दिन तक रोकने की कह रहा है, क्योंकि मैंने यहां की समस्याओं को लेकर आवाज उठाई। वायरल वीडियाे में मरीजाें ने इस बात पर भी आपत्ति की है कि कई दिन गुजरने के बाद भी उनका दूसरा सैंपल और टेस्ट नहीं कराया गया है।
मरीजों की परेशानी, उन्हीं की जुबानी
यहां पर जब से आए हैं तब से हमें घटिया स्तर का खाना दिया जा रहा है। चाय बहुत गंदी आती है। दवाएं नर्स दे जाती है। डॉक्टर नहीं आते हैं। ऐसे हाल में तो स्वस्थ लोग भी बीमार पड़ जाएंगे। -शशि मिश्रा, मरीज
जिस तरह यहां की व्यवस्थाएं हैं, उससे तो बेहतर है कि हम घर पर रहकर ही अपना इलाज करा लें। ना खाना अच्छा आता है नहीं डॉक्टर देखने आते हैं। किसी को भी कभी भी छोड़ देते हैं। यहां आकर हम बहुत ज्यादा परेशान हो गए हैं। - रेनू पांडे, मरीज
मरीज झूठ बाेल रहे, खाना सही है
मरीज झूठ बोल रहे हैं। होटल तानसेन से सिर्फ आयुर्वेद हॉस्पिटल ही नहीं बल्कि जितने भी काेविड सेंटर हैं, सभी जगह खाना भेजा जा रहा है। सभी जगह एक ही मेन्यु की थाली भेजी जाती हैं। डॉक्टर भी नियमित रूप से देख रहे हैं। जिन मरीजों को जल्दी छोड़ा जाता है हम उसे होम आइसोलेट करना कहते हैं। यह ऐसे मरीज हैं जिनमें कोरोना के लक्षण खत्म हो गए है या लक्षण आए ही नहीं। -डाॅ. विनोद कुमार गुप्ता, सीएमएचओ
आयुर्वेद हॉस्पिटल में जो थाली गईं थीं, मैं उसकी जांच कर लूंगा
खाने का मीनू सीएमएचओ से पूछकर बनाया गया है। 13 कोविड सेंटर में हम भोजन भिजवा रहे हैं। कहीं से कोई शिकायत नहीं आई है। आयुर्वेद हॉस्पिटल में जो थाली गई थीं, उसकी मैं जांच कर लूंगा। -एचएस दंडोतिया, मैनेजर, होटल तानसेन