तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में शनिवार सुबह उस समय लोगों की नींद उड़ गई, जब घोषणा केंद्रों से मां नर्मदा का जलस्तर बढ़ने के बारे में सचेत करने के लिए सायरन बजाया गया। नगर परिषद और श्री ओंकारेश्वर मंदिर संस्थान के उद्घोषणा केंद्र से जलस्तर बढ़ने की जानकारी दी गई। जैसे ही यह जानकारी लोगों तक पहुंची, तो घाटों पर व्यवसाय करने वाले और आसपास की बस्तियों के लोगों ने सामान समेटना शुरू कर दिया।
लोग जब तक सामान पूरी तरह समेटते, उनकी आंखों के सामने ही नर्मदा के लगभग सभी घाट दो से तीन फीट पानी में डूब गए। प्रशासन ने लोगों को जल्द से जल्द नदी तट से दूर ले जाने का प्रबंध पहले से ही कर रखा था, इसलिए कुछ ही पल में घाट खाली हो गए। इसके बाद ओंकारेश्वर बांध के 21 गेट करीब 2 मीटर तक खोले गए और 10000 क्यूमेक्स से ज्यादा पानी छोड़ा जाता रहा। इससे बांध के बैक वाटर में 195.12 मीटर तक पानी भर गया। सभी 21 गेट से करीब 31 मीटर तक लगातार पानी निकाला गया। वहीं, सरदार सरोवर बांध के बैक वाटर में लगातार इजाफा हो रहा है। देर रात तक लोग नाव की मदद से सामान शिफ्ट करते रहे।