कांग्रेस ने 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी मोदी सरकार की तरफ से लाए गए अध्यादेशों (ऑर्डिनेंस) पर पार्टी का रुख तय करेगी। इस समिति में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश, अमर सिंह और गौरव गोगोई इस समिति के सदस्य होंगे। रमेश को समिति का संयोजक (कन्वीनर) बनाया गया है।
पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल के मुताबिक, ‘‘पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 5 सदस्यीय एक समिति गठित की है। यह समिति सरकार की तरफ से लाए गए अध्यादेशों पर पार्टी का स्टेंड तय करेगी।’’
कांग्रेस में चल रही उठापटक
कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक सोमवार को हुई थी। बैठक शुरू होते ही अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नेतृत्व में बदलाव संबंधी 23 वरिष्ठ नेताओं की चिट्ठी का हवाला देते हुए पद छोड़ने की पेशकश की। हालांकि, 7 घंटे मंथन के बाद वह 6 महीने और अंतरिम अध्यक्ष बनी रहने पर सहमत हो गईं। बैठक में चिट्ठी लिखने वाले नेताओं की भाजपा से मिलीभगत का आरोप हावी रहा। ऐसा कहा गया कि ये आरोप राहुल गांधी ने लगाया। राहुल ने चिट्ठी की टाइमिंग पर सवाल उठाए। चिट्ठी पर दस्तखत करने वालों में शामिल गुलाम नबी आजाद ने भाजपा से मिलीभगत साबित होने पर संन्यास लेने की बात कह दी। कपिल सिब्बल भी नाराज हो गए थे।