भारत माता की जय से गूंज उठा खुजनेर; हजारों लोग मुक्तिधाम में मौजूद रहे; राेया सैनिक भाई, पत्नी आरती दाे दिन से बेसुध

Posted By: Himmat Jaithwar
8/27/2020

जम्मू-कश्मीर के बारामूला में आतंकी हमले में शहीद हुए मनीष विश्वकर्मा को उनके गृह नगर खुजनेर में अतिम विदाई दी गई। शहीद के अंतिम दर्शन पाने की दीवानगी ऐसी थी कि लोग घरों की छतों पर खड़े होकर उनकी एक झलक पाने को बेताब दिखे। शहीद के बैनर-पोस्टरों से पटा पूरा खुजनेर भारत माता की जय और वंदे मातरम् से पूरे गूंज ऊठा।

इससे पहले भोपाल में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वीर सैनिक के पार्थिव शरीर पर भाेपाल के थ्री-ईएमई सेंटर के आर्मी हॉस्पिटल परिसर में पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने शहीद के परिजन को एक करोड़ रुपए की सम्मान निधि और एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की।

देश की रक्षा के लिए जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से सीधी मुठभेड़ में शहीद हुए मनीष विश्वकर्मा की पार्थिव देह जब बुधवार लगभग तीन बजे घर पहुंची तो बड़ा भाई हरीश अपना धीरज खो बैठा। वह ताबूत से लिपटकर बिलख-बिलखकर रोने लगा। इधर, पत्नी आरती की स्थिति तो यह थी कि उसने जब से यह दुखद घटना सुनी थी तभी से बेहोशी की अवस्था में थी, जब मनीष की देह घर पहुंची तब भी वह अचेत ही थी, इसी हालत में आरती को परिजन गोद में उठाकर लाए और मनीष की देह की परिक्रमा और अंतिम रस्म करवाई।

शहीद की पार्थिव देह काे सेना के विशेष वाहन में कुरावर, पचोर, बोड़ा, नरसिंहगढ़ हाेते हुए खुजनेर लाया गया था। पूरे रास्ते लाेगाें ने फूल बरसाते हुए देशभक्ति से ओतप्राेत नाराें के साथ उनका वंदन किया।

इधर, मनीष की अंतिम यात्रा निकल रही थी, उधर पत्नी अचेत अवस्था में
पत्नी आरती के दर्द का आलम तो यह था कि इधर मनीष की अंतिम यात्रा निकल रही थी और उधर मनीष की पत्नी आरती अपने कक्ष में अचेत अवस्था में लेटी हुई थी, उसके पास दो महिलाएं बैठी हुई थीं।

परिजन, पड़ाेसी सहित जिलेभर से लाेग अंतिम विदाई देने पहुंचे
आरती काे पता ही नहीं चला कि क्या हुआ, मां भी इसी अवस्था में थी और उसने अपने लाल के जाने के गम में हरितालिका तीज से कुछ खाया भी नहीं है। परिजन, पड़ोसी, नगरवासी ही नहीं जिले का हर शख्स भारत माता के इस लाल के जाने के गम में दुखी नजर आया। एक लाख से अधिक लोगों ने मनीष की पार्थिव देह के अंतिम दर्शन किये और पुष्पांजलि अर्पित की। नगर के मुक्तिधाम में शाम लगभग पांच बजे राजकीय सम्मान के साथ मनीष का अंतिम संस्कार किया। मुखाग्नि बड़े भाई हरीश ने दी। इस दौरान हजारों लोग मौजूद रहे।

हजारों लोग मुक्तिधाम में मौजूद रहे
मुक्तिधाम पर सांसद रोडमल नागर, पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह, पूर्व मंत्री एवं विधायक प्रियव्रत सिंह, सारंगपुर विधायक कुंवर कोठार, राजगढ़ विधायक बापूसिंह तंवर, पूर्व विधायक रघुनंदन शर्मा, पूर्व मंत्री ब्रदीलाल यादव, पूर्व विधायक अमरसिंह यादव, संघ के पदाधिकारी लक्ष्मीनारायण चौहान, भाजपा जिलाध्यक्ष दिलबर यादव, नगर पंचायत अध्यक्ष पंकज शर्मा, भाजपा के वरिष्ठ नेता केदार काका, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा सहित तमाम जनप्रतनिधियों के साथ अलावा हजारों लोग मुक्तिधाम में मौजूद रहे।

मनीष को सेना और शहर के लोगों का आखिरी सैल्यूट कहा जय हिन्द..
जब शहीद मनीष की पार्थिव देर खुजनेर पहुंची तो सेना के रिटायर्ड जवान, विशेष में साथ आए अफसर और सैनिकों सहित मुक्तिधाम में मौजूद हजारों लोगों ने शहीद को जय हिंद कहते हुए सैल्यूट किया। शहीद का पार्थिव शरीर जिस 130 किमी लंबे मार्ग से भोपाल से लाया गया उस पर अलग-अलग जगह खड़ा जनसमूह मनीष के साथ भारत माता की जय का उद्घोष कर रहा था।

सेना का जवान कभी दुखी नहीं होता
सेना के अधिकारी कैप्टन आकाश ने मनीष के भाई हरीश से कहा सेना का जवान कभी दुखी नहीं होता, तुम भी सेना के जवान हो, धैर्य रखो। यह बात सेना के कैप्टन आकाश ने हरीश से मुक्तिधाम में मनीष की अंत्येष्टि के बाद कही, क्योंकि हरीश काफी दुखी अवस्था में बैठे हुए थे। कैप्टन आकाश, शहीद मनीष के साथी



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