भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना वॉरियर्स को दी गई PPE KIT में गड़बड़ी है। सरकार की PPE KIT कोरोनावायरस को अंदर जाने से नहीं रोक पा रही है। गांधी मेडिकल कॉलेज से संबद्घ हमीदिया अस्पताल और सुल्तानिया अस्पताल के 56 डॉक्टर संक्रमित हो चुके हैं। इसके अलावा कितने लैब टेक्नीशियन, नर्सिंग स्टाफ और अन्य के स्वास्थ्य कर्मी PPE KIT पहनने के बाद भी संक्रमित हो गए इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है।
हफ्ते भर में जीएमसी के पांच डॉक्टर संक्रमित पाए जा चुके हैं। अप्रैल से लेकर अब तक लगातार डॉक्टर संक्रमित आ रहे हैं। सबसे पहले गायनी विभाग और सामुदायिक चिकित्सा विभाग की दो जूनियर डॉक्टर संक्रमित मिली थीं। इसके बाद गायनी विभाग की ही एक फैकल्टी कोरोना संक्रमित मिली थीं। तब से लगातार कोई न कोई डॉक्टर संक्रमित मिल रहा है। अभी हफ्ते भर के भीतर पांच जूनियर डॉक्टर संक्रमित हो चुके हैं।
गड़बड़ी PPE KIT में नहीं बल्कि पहनने वाले डॉक्टरों में हैं: सरकारी जवाब
सरकारी स्तर पर इस मामले पर जवाब तैयार है। स्वास्थ विभाग के सूत्रों का कहना है कि वरिष्ठ अधिकारियों तक इस बात की जानकारी पहुंच चुकी है कि कोरोना वार्ड में ड्यूटी करने वाले डॉक्टर संक्रमित हो रहे हैं। जवाब पहले से तैयार है। कहा जा रहा है कि डॉक्टरों के संक्रमित होने की बड़ी वजह किट को तय गाइडलाइन के अनुसार नहीं उतारना है। किट के बाहरी हिस्से में चिपके कोरोना के वायरस शरीर में कहीं भी लग जाते हैं, जिससे संक्रमण हो जाता है। यह उल्लेख करना जरूरी है कि शुरुआत में कुछ जूनियर डॉक्टर्स ने PPE KIT की क्वालिटी पर सवाल उठाया था लेकिन अटेंडर के थप्पड़ मारने पर हड़ताल करने वाले जूनियर डॉक्टर, इस मामले में चुप हैं।
पीपीई किट उतारने में सावधानी नहीं बरती जाती तो संक्रमित होने का खतरा बहुत बढ़ जाता है। कई जगह अध्ययन में भी यह सामने आ चुका है। इसी तरह से मास्क का उपयोग भी तय निर्देशों के अनुसार करना चाहिए।
प्रो. (डॉ.) सरमन सिंह, निर्देशक एम्स, भोपाल