13 साल पहले संविदा पर भर्ती हुए शिक्षक के पास ग्वालियर में दाेमंजिला मकान, कार, 12 बीघा जमीन और आठ बैंक खाते

Posted By: Himmat Jaithwar
8/26/2020

मुरार में कुम्हरपुरा के शिवनगर में रहने वाले सरकारी शिक्षक चंद्रप्रकाश पाठक के घर पर आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर लोकायुक्त टीम ने मंगलवार सुबह 5 बजे करीब छापा मारा। टीम को खिड़की से देखने के बाद शिक्षक ने कुछ दस्तावेज एक बैग में भरकर घर के पीछे फेंक दिए। हालांकि टीम के सदस्य घर के चारों तरफ फैले थे इसलिए यह बैग टीम ने अपने कब्जे में ले लिया।

जांच में शिक्षक के पास दाेमंजिला मकान, 12 बीघा जमीन की तीन रजिस्ट्रियां, एक बुलेराे कार, दाे बाइक, एक स्कूटर, एक बंदूक और आठ बैंक खाते मिले हैं। शिक्षक काे अभी 32 हजार रुपए वेतन मिलता है। लाेकायुक्त टीम के मुताबिक, शिक्षक पाठक 2014 में व्यापमं मामले में आरोपी बना था। इसके कारण वह दो महीने जेल में भी रह चुका है। यह मामला अभी काेर्ट में विचाराधीन है। शिक्षक पाठक वर्तमान में भिंड जिले के गोहद में पदस्थ है।

शिवनगर में शिक्षक का आलीशान मकान।
शिवनगर में शिक्षक का आलीशान मकान।

विभाग से मांगी वेतन की जानकारी संपत्ति का आकलन लाेनिवि करेगा
लाेकायुक्त निरीक्षक कविंद्र सिंह चाैहान के मुताबिक शिक्षक के दो मंजिला मकान की कीमत का आकलन लाेक निर्माण विभाग से कराया जाएगा। साथ ही नाैकरी में आने से लेकर अब तक के वेतन की जानकारी के लिए शिक्षा विभाग को पत्र लिखा जाएगा।

टैक्स चोरी की भी आशंका
शिक्षक चंद्रप्रकाश ने जो 12 बीघा जमीन खरीदी है वह निर्धारित गाइड लाइन से भी कम कीमत पर बताकर टैक्स चोरी की संभावना भी बताई गई है। ऐसी तीन रजिस्ट्रियां मिली, जिनकी कीमत लगभग 8 लाख रुपए बताई गई है जबकि गाइड लाइन में जमीन की कीमत अधिक है।

संविदा शिक्षक के पद पर 2007 में हुई थी पाठक की भर्ती
2007 में संविदा शिक्षक के तौर पर नियुक्ति पाने वाले चंद्रप्रकाश वर्तमान में गोहद में अध्यापक हैं। टीम काे इसी स्कूल में पदस्थ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सीताराम बाथम के नाम के पीडीसी चेक और एक एक्टिवा भी मिली है। घर की तलाशी में कुम्हरपुरा स्थित दाेमंजिला मकान के अलावा 2010 से 2017 तक खरीदी गई 12 बीघा जमीन के दस्तावेज, 8 लाख में गिरवीं रखे मकान के दस्तावेज और 9 लाख रुपए के पीडीसी चेक मिले हैं।

गांव के दाे लाेगाें पर रंजिशन शिकायत का आराेप लगाया
चंद्रप्रकाश ने अपने गांव उटीला के प्रदीप और अनिल पाठक पर रंजिशन शिकायत करने का आरोप लगाया। चंद्रप्रकाश ने बताया कि इन लोगों ने उसकी जमीन पर कब्जा किया है जिस पर शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।

क्या-क्या मिला

  • 12 बीघा जमीन के दस्तावेज
  • 15 लाख रुपए उधार देने के बदले लिए गए पीडीसी चेक
  • 1 कार, 2 बाइक
  • 8 बैंक खाताें की पासबुक
  • 1 लाइसेंसी बंदूक

आटा काराेबारी राजकुमार ट्रेडर्स पर सेंट्रल जीएसटी का छापा
ग्वालियर | आटे की थोक बिक्री करने वाली दाल बाजार की फर्म राजकुमार ट्रेडर्स पर मंगलवार को सेंट्रल जीएसटी ने छापा डाला। फर्म द्वारा बानमोर की मिल में गालव सिलेक्ट और गालव रजिस्टर्ड ब्रांड का आटा बनाया जाता है। ब्रांड के नाम से कारोबार करने पर पांच फीसदी जीएसटी (2.5 % सीजीएसटी और 2.5 % एसजीएसटी) लगता है। जबकि अन-ब्रांड पर जीएसटी नहीं है। विभाग के अधिकारियों को आशंका है कि फर्म के संचालक आटे का कारोबार ब्रांड के नाम से ही कर रहे हैं जबकि बिक्री बिल अन-ब्रांड के जारी कर टैक्स चोरी कर रहे हैं।

इस बात की पड़ताल विभाग के अधिकारियों द्वारा की जा रही है। जानकारों के अनुसार राजकुमार ट्रेडर्स द्वारा बानमाेर मिल में रोज दो हजार क्विंटल गेहूं की मिलिंग की जाती है। इसके संचालक मोहन गर्ग, राजकुमार गर्ग, अनुराग गर्ग और अंकुर गर्ग हैं। विभाग के अधिकारियों ने फर्म के संचालक द्वारा भरे जा रहे रिटर्न और टैक्स की ऑनलाइन पड़ताल की तो गड़बड़ दिखी। इसे आधार बनाकर अधिकारियों ने फर्म के प्रतिष्ठान पर छापा डाला।



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