11,427 करोड़ की 45 सड़क परियोजनाओं की सौगात, इंदौर-खलघाट सिक्सलेन, सनावद रोड फोरलेन होगा, लॉजिस्टिक पार्क भी मिला

Posted By: Himmat Jaithwar
8/26/2020

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश को 11 हजार 427 करोड़ रुपए की योजनाओं की सौगात मंगलवार को दी। इसमें से करीब 3500 करोड़ के प्रोजेक्ट इंदौर व आसपास के क्षेत्रों के लिए हैं। कुल 1361 किलोमीटर लंबी 45 सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास और भूमिपूजन इस कार्यक्रम में किया गया। इंदौर को जो दो नई सौगातें मिली हैं, उसमें इंदौर-खलघाट को सिक्सलेन करना और लॉजिस्टिक पार्क शामिल है। हालांकि इंदौर-सनावद-बोरगांव फोरलेन के लिए अलग से 3000 करोड़ की घोषणा की गई, लेकिन यह मार्ग वर्तमान में भारत माला प्रोजेक्ट के फेज-1 के इंदौर-एदलाबाद एनएच-347 में शामिल है। अब देवास से ब्यावरा तक हाईवे बन जाने से आगरा होते हुए दिल्ली तक पहुंचना आसान होगा। इससे इंदौर को सीधा फायदा होगा। इंदौर-बैतूल फोरलेन एनएच-47 के कई हिस्सों के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया गया है। ये पोरबंदर, राजकोट, अहमदाबाद को इंदौर, नागपुर, रायपुर होते हुए कोलकाता से जोड़ेगी।
साथ ही उज्जैन से झालावाड़ तक की सड़क को फोरलेन करने की घोषणा से अब कोटा, उज्जैन, इंदौर, अकोला, एदलाबाद होते हुए ये सड़क हैदराबाद तक जाएगी। इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण रेसीडेंसी कोठी पर किया गया था। इसमें सांसद शंकर लालवानी, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, विधायक महेंद्र हार्डिया, सुदर्शन गुप्ता, गौरव रणदीवे आदि सहित एनएचएआई के अफसर भी मौजूद थे।


तेजाजीनगर से बलवाड़ा के बीच ऐसे होंगे चार बायपास
- सिमरोल में 3.80किमी, भेरूघाट में 4 किमी, बाईग्राम व चोरल के बीच 7 किमी, बलवाड़ा के पास 4.40 किमी के चार बायपास बनेंगे।
- अभी तेजाजीनगर से बलवाड़ा के बीच 50 किलाेमीटर में लगते हैं लगभग दो घंटे। ये बायपास बनने से इंदौर से सनावद की दूरी और समय भी घटेगा।
- इस हिस्से में आने वाले घाट सेक्शन से हाेकर रोज अौसतन 14 हजार बड़े वाहन और 18 हजार के करीब कारें गुजरती हैं। फोर लेन के साथ घाट सेक्शन खतम होने से इन वाहन चालकों को काफी लाभ होगा।
- प्रोजेक्ट की कुल लागत 971.87 करोड़ रुपए, इसमें 699.19 करोड़ रुपए का सिविल वर्क, 234.61 करोड़ रुपए में जमीन अधिग्रहण, पर्यावरणीय प्रभाव शमन 10.82 करोड़ रुपए, यूटििलटी शिफ्टिंग 27.25 करोड़ रुपए शामिल है।
- इंदौर और खरगोन जिले के 11 गांवों पर पड़ेगा इसका प्रभाव।
- इस प्रोजेक्ट के लिए 165 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। इसमें से कुल 88.2 हेक्टेयर जमीन का होगा अधिग्रहण। इसमें इंदौर तहसील की 13.9, महू तहसील की 58.2 और बड़वाह तहसील की 16.1 हेक्टेयर जमीन शामिल है।


इंदौर-बैतूल मार्ग का हुआ शिलान्यास
- इंदौर-हरदा एनएच 47 फोरलेन का चौड़ीकरण ननासा से पिडगांव, लंबाई 47 किलोमीटर, लागत- 867 करोड़ रुपए।
- हरदा-बैतुल एनएच 47 फोरलेन का चौड़ीकरण हरदा से टेमगांव, लंबाई 30 किलोमीटर, लागत 555 करोड़ रुपए।
- एनएच 47चिचौली-बैतूल फोरलेन चौड़ीकरण, लंबाई 40 किलोमीटर, लागत 620 करोड़ रुपए।

ये स्थिति है अभी इन प्रोजेक्ट की
- इंदौर–सनावद–बोरगांव कुल लंबाई 143 किलोमीटर। अभी लगता है सवा चार घंटे का समय। इंदौर से सनावद की दूरी 71.9 किलोमीटर है और अभी पहुंचने में ढ़ाई घंटे के करीब समय लगता है।

इंदौर के विकास को रफ्तार देंगे ये 4 प्रोजेक्ट; पोरबंदर, कोलकाता जैसे बंदरगाह जुड़ेंगे

1. इंदौर-खलघाट फोरलेन को सिक्सलेन बनाया जा रहा है। इसकी कुल लागत 900 करोड़ रु. होगी, कुल लंबाई 80 किमी। इसमें डीपीआर का काम चल रहा है और वर्तमान रोड वाले हिस्से में ही इसे बनाया जाएगा। इसे पूरा करने की समयसीमा अभी निर्धारित नहीं की गई है। 2. लॉजिस्टिक पार्क के लिए प्रदेश सरकार को इंदौर में जगह तलाशकर एमएसएमई मंत्रालय को बतानी है। उसके बाद मंत्रालय फंड अलॉट कर लॉजिस्टिक पार्क डेवलप करेगा। इससे इंदौर को लॉजिस्टिक हब बनने में मदद मिलेगी और आसपास की कंपनियों को फायदा मिलेगा। 3. इंदौर-सनावद-बोरगांव लगभग 149 किमी सड़क मार्ग के 3000 करोड़ के काम की सैद्धांतिक मंजूरी, मार्च-2021 तक वर्क ऑर्डर अलॉट हो जाएगा। पूरा करने की समयसीमा अभी निर्धारित नहीं। फायदा यह होगा कि टूलेन अब फोरलेन हो जाएगी। इससे समय बचेगा। 4. इंदौर-बैतूल फोरलेन एनएच-47 का शिलान्यास हो चुका है। 47, 30 और 40 किमी के तीनों हिस्सों में पहले काम शुरू होना है। तीन से चार महीने में जमीन अधिग्रहण होने के बाद काम शुरू हो जाएगा। संभवत: 2023 में पूरा कर लिया जाएगा। इसकी कुल लागत 2042 करोड़ रु. होगी।

गणपति घाट के विघ्न हटेंगे ढलान खत्म होगी, बायपास भी बनेगा

गडकरी ने बताया कि इंदौर-खलघाट के गणपति घाट पर सालभर में 80-90 मौतें होती थीं। वहां ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए और इससे दुर्घटनाओं में 80% की कमी आई है। अब इसे दो तरह से बनाया जा रहा है। पहले इस सेक्शन की ढलान को खत्म किया जाएगा। फिर सिक्सलेन प्रोजेक्ट के तहत 7 किमी का बायपास भी बनेगा।

इंदौर-अहमदाबाद फोरलेन वन विभाग के कारण रुका

गडकरी ने एनएच के काम में सबसे ज्यादा रोड़ा अटकाने वाले वन विभाग का नाम भी सार्वजनिक किया। विभाग के क्लीयरेंस न मिलने के कारण ही इंदौर-अहमदाबाद के बीच माछलिया घाट वाले 16 किमी के हिस्से में फोरलेन का काम पूरा नहीं हो पाया है।



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