शहर के लाल गेट के सामने घमंडी हाेटल के पीछे मंगलवार काे जाे 3 मंजिला पक्का मकान ढहा वह 5 साल पहले ही बना था। इतनी जल्दी पक्का मकान ढहना हैरान करता है। इस मकान के ढहने की वजह नगर निगम की अवैध निर्माण हाेने पर नाेटिस देकर कागजी खानापूर्ति कर एक्शन नहीं लेना है। 2015 में इस मकान के निर्माण के वक्त भी आसपास के लाेगाें ने जनसुनवाई और सीएम हेल्पलाइन तक शिकायत की थी। नैसर्गिक नाले काे आगे खिसका कर सरकारी जमीन पर कब्जा करने के आराेप लगे थे लेकिन नगर निगम ने केवल नाेटिस दिया, काेई कार्रवाई नहीं की। यह हादसा उसी का नतीजा है। दरअसल जहां से नाला जा रहा था, उसे आगे किया गया। इसके लिए मकान के आगे वाले तकरीबन 5 फीट के हिस्से में बीम-काॅलम का सपाेर्ट नहीं दिया और तीन मंजिला मकान खड़ा कर दिया। मकान आगे की तरफ ही ढहा।
निगम कमिश्नर ने एहतियात बरती, डीएसपी उतरे मलबे के बीच
रात में रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की टीम पहुंच गई थी। इसके पहले नगर निगम कमिश्नर विशालसिंह चौहान और ट्रैफिक डीएसपी किरण शर्मा ने रेस्क्यू की कमान संभाल रखी थी। अंदर फंसे तीनाें लाेगाें की सलामती के लिए कमिश्नर ने एहतियात पूरी बरती। मशीनाें से केवल सहारा देने का काम किया। कांक्रीट का एक-एक हिस्सा कटर और क्रेन की सहायता से सावधानी से काटा। डीएसपी शर्मा जगह मिलने पर मलबे के नीचे उतर गए। पुलिस की कमान उन्हाेंने संभाली। कलेक्टर चंद्रमाैली शुक्ला और एसपी डाॅ. शिवदयाल सिंह ने भी पहुंच कर टीम काे जरूरी मार्गदर्शन दिया। तीन क्रेन, पांच जेसीबी, होम गार्ड की टीम के साथ रेस्क्यू चलाया।
भाई से माेबाइल पर कहा- आहिल मेरी गाेद में है, रेहान घबरा रहा है, उसके बाद संपर्क टूटा
देर रात तक मलबे में 16 साल का किशाेर रेहान, उसके चाचा की 22 साल की लड़की सिमरन और बुआ का डेढ़ साल का बेटा आहिल दबे हुए हैं। सिमरन के पास माेबाइल है, जिस पर भाई फैजल ने बात की ताे सिमरन ने बताया आहिल मेरी गाेद में है। राे रहा है। मशीनाें की आवाज से रेहान भी घबरा रहा है। फैजल ने बहन काे कहा- हिम्मत रखना, तुमकाे निकाल लेंगे। यह चर्चा शाम काे हुई थी, उसके बाद संपर्क टूट गया। देर रात सिमरन का माेबाइल लगाया जा रहा था, बात नहीं हाे रही थी।
इन लाेगाें काे भी सुरक्षित निकाला
मकान के मलबे से बस्कर बी 55 पति अजीज शेख, आफिया 8 पिता ईरशाद उर्फ माेनू शेख, अक्शा 16 पिता जाकिर शेख, अंजुम 40 पति जाकिर शेख, अल्फेज 16 ईरशाद शेख, अलीशा 14 पिता जाकिर शेख, शिरिन 24 पति शहनावज, शबाना 40 पति फिराेज शेख व शिनम 15 पिता रशीद शेख काे जिंदा निकाला गया है। बस्कर बी काे इंदाैर रैफर किया गया। बाकी का इलाज देवास जिला अस्पताल में चल रहा है।
घायलाें की जुबानी बिल्डिंग गिरने की कहानी
पांच मिनट पहले ही घर में गया था
मैं घर के बाहर था और मकान गिरने के पांच मिनट पहले ही अंदर गया था। तल मंजिल पर नीचे काेई नहीं था। सभी दूसरी मंजिल के हाॅल में बैठकर आपस में बात कर रहे थे। तभी मकान गिर गया। एक तरफ हाेने से मैं जल्द बाहर निकल आया, मेरे सिर में थाेड़ी चाेट आई। मेरे पिता सहित कुल 4 भाई हैं, जिनके हम 17 भाई-बहन हैं। जाकिर शेख के मकान वाला हिस्सा गिरा, जहां सभी बैठकर बात कर रहे थे।
मैं चाय नहीं बनाऊंगी, यहीं बैठूंगी
बाजी घर पर आई थी ताे मैंने कहा, अभी मैं चाय नहीं बनाउंगी यहीं पर बैठूंगी। हम सभी खुश थे हंसी-मजाक कर रहे थे। पता ही नहीं चला मकान कैसा गिर गया। मैं संभली ताे देखा मेरे हाथ पर पिल्लर का हिस्सा गिरा हुआ था। आसपास में बैठे सभी घबराते हुए धीरे-धीरे बाहर निकले। माेहर्रम की 5 तारीख हाेने से तैयारी कर रहे थे और हादसा हाे गया।
माेबाइल चला रही थी, मेरे सिर में लगी
मैं ताे सबसे ऊपर वाले कमरे में लेटे-लेटे माेबाइल चला रही थी। एेसा लगा कि कुछ हल-चल हाे रही और छत मेरे ऊपर आकर गिरी, लेकिन साइड में पिल्लर गिरने से छत उससे टिक गई। मैं घबराकर बाहर आ गई, लेकिन मेरी बड़ी बहन अक्शा नहीं निकल पाई।