दो दिन में ही औसत से 36 फीसदी ज्यादा पानी बरसा, 23 दिन में 19.8 इंच, रविवार को 1.2 मिमी बारिश

Posted By: Himmat Jaithwar
8/24/2020

शहर की जरूरत के 34 इंच पानी का कोटा इसी महीने पूरा होने के आसार प्रबल हो गए हैं। 31 अगस्त तक रोज पानी बरसेगा। अगस्त के इन 23 दिनों में अब तक 19.8 इंच पानी गिर चुका है। यानी औसत से 36 फीसदी ज्यादा बारिश रिकाॅर्ड हो गई है। इस महीने औसत से दोगुना पानी गिरने की उम्मीद है। 23 घंटों में हुई 12.5 की बारिश ने तालाबों में सालभर के पानी का इंतजाम कर दिया है। रविवार को भी 1.2 मिमी बारिश हुई।

इसे मिलाकर अब तक 834 मिमी यानी 32.8 इंच पानी गिर चुका है। अधिकतम तापमान भी सामान्य से 4 डिग्री कम होकर 25.9 डिग्री रहा। न्यूनतम तापमान 22.1 डिग्री होकर सामान्य से 1 डिग्री अधिक रहा। पिछले साल की बात की जाए तो इस समय तक 800 मिमी बारिश हो चुकी थी। बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम इंदौर से आलीराजपुर, धार, झाबुआ तरफ शिफ्ट हो गया है। इसी वजह से रविवार को दिनभर रिमझिम, फुहारों के दौर ही चलते रहे। बीच-बीच में आसमान साफ होता भी दिखा, लेकिन कुछ मिनट बाद फिर काली घटाएं छा गई।

प्रदेशभर में पानी गिरा
विगत शनिवार को प्रदेश का ऐसा कोई शहर, गांव नहीं था, जहां पर पानी नहीं गिरा हो। केवल मंदसौर, टीकमगढ़ और छतरपुर ही ऐसे जिले हैं, जहां क्रमश 22, 26 और 32 फीसदी कम पानी गिरा है। इंदौर, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, सीहोर बड़वानी, उमरिया, सिंगरोली झाबुआ ऐसे जिले हैं, जहां पर औसत से अधिक पानी गिर चुका है।

उफनता नाला पार करने में दो भाई बहे, एक की मौत; पिता को लेने जा रहे थे

भोपाल से आए पिता को लेने जा रहे दो भाई एक्टिवा सहित ढाबली से मांगलिया के बीच नाले में बह निकले। इसमें एक की मौत हो गई। मृतक सहवाग (13) पिता भगवान सिंह जोगी है। पिता बीपीसीएल में टैंकर चलाते हैं। शुक्रवार को वे इंदौर आए तो बेटे सचिन (17) को फोन लगाकर कहा कि मुझे साथ घर ले चलना। दोनों भाई पिता को लेने निकले। रास्ते में उफनता नाला पड़ा। वहां पुलिस ने कांटे-पत्थर लगा रखे थे, लेकिन वहां किसी व्यक्ति ने कहा कि अभी एक बाइक निकली है, तुम भी निकल सकते हो। शेष|पेज 8 पर

दोनों एक्टिवा से आगे बढ़े तो गहरे पानी में चले गए। सहवाग ने हेलमेट पहना था, इसलिए उसे कुछ समझ नहीं आया। एक्टिवा डगमगाई तो सचिन कूद पड़ा। लोगों ने उसे पकड़ लिया, पर सहवाग तेज बहाव में बह गया। शाम को उसकी खोजबीन शुरू हुई। रात ढाई बजे जब पानी उतरा तब तक पिता और भाई भी उसे तलाशते रहे। सुबह उसका शव सांवेर के पास रांवेर में मिला। रोते हुए पिता भगवान सिंह ने बताया कि वे डेली अपडाउन करते हैं। बेटे बोले थे कि गणपति की झांकी निकालना है, इसलिए मूर्ति दिलाना। उन्हें इसीलिए लेने बुला लिया था।



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