सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले की जांच सीबीआई कर रही है। इस बीच एक्टर की ऑटोप्सी (पोस्टमॉर्टम) रिपोर्ट सामने आई है। यह दैनिक भास्कर के पास मौजूद है। रिपोर्ट के मुताबिक- सुशांत के गले पर 33 सेमी लंबा 'लिगेचर मार्क था। बोलचाल की भाषा में 'गहरा निशान' कहते हैं। आमतौर पर ये 'यू' शेप में होता है। जो बताता है कि गले पर रस्सी या ऐसी ही किसी चीज से भारी दबाव पड़ा।
इस रिपोर्ट पर सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह ने सवाल खड़े किए। सिंह ने कहा- जिन बातों का मौत के वक्त जिक्र किया गया था, उनकी डिटेल ऑटोप्सी रिपोर्ट में क्यों नहीं है। ऑटोप्सी रिपोर्ट में मौत का वक्त तक नहीं बताया गया। आखिर, ऐसा क्यों किया गया।
सुशांत की ऑटोप्सी रिपोर्ट कुल सात पेज की है। इस पेज पर सुशांत के शरीर पर मिले निशान का जिक्र है।
सुशांत की ऑटोप्सी रिपोर्ट के मुख्य पॉइंट्स
- शरीर पर चोट के निशान नहीं दिखाई दिए।
- गले और सिर के आसपास कोई हड्डी टूटी हुई नहीं थी।
- इस रिपोर्ट में मौत के वक्त का जिक्र नहीं है।
- डेथ बॉडी का कोरोना टेस्ट भी नहीं किया गया था।
- अभिनेता की गर्दन की गोलाई (परिधि) 49.5 सेंटीमीटर थी।
- सुशांत के गले के नीचे 33 सेंटीमीटर का लंबा 'लिगेचर मार्क' मिला था।
- रस्सी का निशान ठुड्डी से 8 सेंटीमीटर नीचे था।
- गले के दाहिनी तरफ निशान की मोटाई 1 सेंटीमीटर थी।
- गले की बांई तरफ निशान की मोटाई 3.5 सेंटीमीटर थी।
ऑटोप्सी की फाइलों की जांच करेगी एम्स की टीम
एम्स ने सुशांत की ऑटोप्सी फाइल की जांच के लिए पांच एक्सपर्ट्स का पैनल बनाया है। सीबीआई ने रिपोर्ट पर एम्स से राय देने को कहा था। एम्स के फॉरेंसिंक हेड डॉ. सुधीर गुप्ता इस टीम को लीड करेंगे। उन्होंने बताया, ''हम हत्या की आशंका के अलावा भी सभी एंगल से जांच करेंगे।"
गुप्ता ने आगे कहा,“ डेथ बॉडी पर जो निशान मिले हैं, उनका उनका सबूतों से मिलान किया जाएगा। विसरा सुरक्षित है। इसकी जांच की जाएगी। डिप्रेशन दूर करने के लिए सुशांत को जो दवाएं दी जा रहीं थीं, उनका भी लैब टेस्ट किया जाएगा।"