राम नगरी अयोध्या धार्मिक और टूरिस्ट डेस्टिनेशन के लिए लैंडमार्क बनने वाला है। इससे यहां बिजनेस का एक बड़ा अवसर तैयार होगा। यह एक नए अयोध्या के रूप में डेवलप होगा। इसका कायाकल्प जल्द ही पूरी तरह से हो जाएगा। जहां पहले सिर्फ छोटे होटल्स और धर्मशालाएं नजर आती थीं वहीं अब कुछ सालों में वहां लग्जरी फाइव स्टार होटल्स नजर आएंगे। हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए अयोध्या खास शहर होने जा रहा है। यहां ताज होटल से लेकर रेडिसन ब्लू और आईटीसी होटल समेत तमाम टॉप होटल ब्रांड्स दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
अयोध्या में शुरू हुई कारोबारी गतिविधियां
राम मंदिर के निर्माण कार्य के शुरू होते ही अयोध्या में अब बिजनेस की गतिविधियां भी शुरू हो गई हैं। हालांकि, यह अभी बहुत शुरुआती चरण में है। खबर है कि देश के प्रमुख होटल ब्रांड यहां पर टूरिज्म और धार्मिक स्थल के रूप में संभावित डेस्टिनेशन को देखते हुए अभी से इसका जायजा ले रहे हैं। इस संबंध में कुछ प्रमुख होटल ग्रुप यहां सरकार के साथ बात भी कर रहे हैं।
अयोध्या में अब तक नहीं है बड़े ग्रुप वाले होटल
सूत्रों के मुताबिक, फ्रांस के अग्रणी होटल समूह में से एक एकॉर और रेडिसन होटल ने यहां पर संभावनाओं को तलाशना शुरू कर दिया है। एकॉर भारत में पहले से ही कई होटलों के साथ साझेदारी कर बिजनेस कर रहा है। हालांकि, अयोध्या में अभी इस तरह के बड़े ग्रुप वाले होटल नहीं हैं। यहां पर फिलहाल छोटे मोटे होटल हैं और काफी धर्मशाला भी हैं।
उत्तर प्रदेश प्रशासन से कई होटल ग्रुप ने संपर्क किया है
सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश प्रशासन को इस संबंध में कई होटल ग्रुप ने संपर्क किया है। माना जा रहा है कि टॉप होटल ब्रांड्स ने यहां दिलचस्पी दिखाई है। इसके लिए सरकार आनेवाले समय में करीबन 600 एकड़ जमीन को होटल, रेस्टोरेंट और शॉपिंग मॉल के लिए दे सकती है।
अगले एक साल में 200 बड़े रेस्टोरेंट खुलेंगे
फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्त्रां एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पूर्व प्रेसिडेंट और VIE हॉस्पिटैलिटी के अध्यक्ष कमलेश बारोट ने बताया कि अगले साल तक अयोध्या में करीब 200 वेज रेस्टोरेंट खोले जाएंगे। ये रेस्त्रां मंदिर के आस पास ही खुलेंगे। इस पर एसोसिएशन काम कर रही है। इस संबंध में एसोसिएशन अगले माह तक योगी सरकार से बातचीत करेगी। उन्होंने कहा कि वे अयोध्या में विदेशी पर्यटकों का मार्केट ज्यादा देख रहे हैं। ऐसे में उन्हें ध्यान में रखकर कई बड़े स्तर के रेस्टोरेंट होंगे। साथ ही क्विक फूड सर्विस देने वाली कंपनी मैकडोनाल्ड के चेन भी यहां खुलेंगे।
ओयो रूम्स की भी चल रही है बातचीत
सूत्रों के मुताबिक, ओयो रूम्स अयोध्या में कारोबार विस्तार करने की योजना पर काम कर रही है। कंपनी यहां धार्मिक प्लेस में पहुंचने वाले घरेलू यात्रियों पर फोकस करेगी। ओयो के पास सबसे ज्यादा इस समय पूछताछ धार्मिक प्लेस को लेकर हो रही है। ऐसे में कंपनी को उम्मीद है कि कम बजट में रूम मिलने के कारण आने वाले समय में अयोध्या में उनका कारोबार बढ़ेगा। फिलहाल कंपनी का यहां मार्केट शेयर 70% का है।
5 अगस्त को पीएम मोदी ने मंदिर की नींव डाली थी
वैसे बता दें कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्घाटन के बाद इसे शुरू किया गया है। संभावना है कि यह अगले 3-4 साल में बन कर तैयार होगा। अरबों रुपए के खर्च से यह मंदिर बनेगा। दरअसल, अब यूपी सरकार अयोध्या में मंदिर के साथ-साथ टूरिस्ट प्लेस और धार्मिक स्थल के रूप में डेवलप करने की योजना बना रही हैं।
होटल, रेस्टोरेंट और सिनेमाघरों के साथ -साथ शॉपिंग मॉल भी
अगले तीन -चार सालों में अयोध्या का पूरा नक्शा बदलने वाला है। क्योंकि यहां से आस पास के पूरे इलाके मंदिरों वाले होंगे और इससे यहां दुनिया भर से पर्यटकों की आवाजाही शुरू होगी। ऐसे में यहां होटल, रेस्टोरेंट और सिनेमाघरों के साथ -साथ शॉपिंग मॉल के लिए भी एक बेहतर संभावना दिख रही है।
अब यहां टूरिस्ट बनेंगे आमदनी का जरिया
जिस तरह बनारस में मंदिरों और आरती के लिए दुनिया भर से पर्यटक आते हैं, उसी तरह से अयोध्या के लिए भी संभावना बन रही है। हालांकि अयोध्या अब एक नए सिरे से मंदिरों के लिए डेवलप होगा और इसके लिए आस पास के इलाकों को भी डेवलप किया जाएगा ताकि इससे एक टूरिस्ट बिजनेस के रूप में भी लोगों की आमदनी हो सके।
एयरलाइंस कंपनियां यहां अपनी सेवाएं बढ़ा सकती हैं
वैसे अयोध्या के लिए फिलहाल लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी जैसे एयरपोर्ट हैं। लखनऊ की दूरी यहां से 134 किलोमीटर है तो प्रयागराज की 166 और वाराणसी की 209 किलोमीटर दूरी है। प्रयागराज और लखनऊ एयरपोर्ट पर अगले कुछ समय में हवाई यातायात की मांग बढ़ेगी। इसलिए एयरलाइंस कंपनियां यहां अपनी सेवाएं बढ़ा सकती हैं। वैसे यहां से गोरखपुर की दूरी 132 किलोमीटर है इसलिए बिहार, नेपाल जैसे इलाके से भी लोग यहां पर रोड के जरिए आ सकेंगे। गोंडा यहां से 51 किलोमीटर है।
मंदिर परिसर के आस पास की करीबन 20 एकड़ जगह डेवलप होगी
फिलहाल, यहां मंदिरों के दर्शन के लिए राम की पैड़ी है जहां घाटों की लंबी सिरीज है। यह सरयू नदी तक है। हनुमानगढ़ी, बिरला टेंपल, कनक भवन, नागेश्वरनाथ मंदिर, देवकाली आदि भी इसी परिसर में हैं। बता दें कि राम मंदिर के निर्माण पर करीबन 300 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा। जबकि यहां मंदिर के आस-पास के परिसर को डेवलप करने के लिए करीबन 1000 करोड़ रुपए के खर्च करने का अनुमान है। इसमें मंदिर परिसर के आस पास की करीबन 20 एकड़ जगह डेवलप होगी।
100 एकड़ जमीन पर राम का स्टेच्यू भी
उधर, मंदिर का रास्ता साफ होने के बाद उत्तर प्रदेश के योगी सरकार की योजना राम के स्टेच्यू को डेवलप करने की है। यह योजना हालांकि पुरानी है, पर अब मामला स्पष्ट होने के बाद इसे डेवलप किया जा सकता है। इस स्टेच्यू को 100 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा जो सरयू नदी के पास होगा। यह लखनऊ-गोरखपुर नेशनल हाइवे से जुड़ी जमीन के साथ होगा। राम मंदिर के अलावा यह एक और लैंडमार्क अयोध्या के लिए होगा।
शॉपिंग माल सहित अन्य बिजनेस की मांग बढ़ेगी
पिछले साल नवंबर में यूपी सरकार की कैबिनेट ने 447 करोड़ रुपए को मंजूरी दी थी ताकि वहां की 61 हेक्टेयर जमीन को खरीदा जा सके। इससे पहले सरकार ने 200 करोड़ रुपए की मंजूरी स्टेच्यू के लिए दी थी। इस तरह से अगले तीन-चार सालों में अयोध्या और इसके आस पास के इलाकों को धार्मिक और टूरिस्ट के लिहाज से डेवलप किया जाएगा। इसकी वजह से यहां होटल, रेस्टोरेंट, शॉपिंग माल सहित अन्य बिजनेस की काफी मांग बढ़ेगी।