मंदिरों को खोलने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सरकार के रवैये पर सवाल उठाए। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की बेंच ने कहा "सरकार मॉल खोलने की मंजूरी इसलिए दे रही है, क्योंकि इससे आर्थिक हित जुड़ा है। इसके लिए वे जोखिम भी लेने को तैयार हैं। लेकिन, जब बात धर्म की आती है, तो कोरोना के खतरों पर बात करने लगते हैं।"
सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के बायकुला, चेंबूर और दादर स्थित तीन जैन मंदिरों को पर्यूषण पर्व के दौरान 2 दिन खोलने की मंजूरी दी है। साथ ही जैन ट्रस्ट को निर्देश दिए हैं कि कोरोना से बचाव के सभी उपायों का ध्यान रखें। कोर्ट ने साफ किया कि यह आदेश किसी अन्य मंदिर या धार्मिक आयोजन, विशेष रूप से गणेश चतुर्थी के लिए नहीं है।
भगवान ने हमें माफ कर दिया, आपका भगवान भी आपको माफ कर देगा...
सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पिटीशनर सभी मंदिरों को खोलने की मांग लेकर आए थे, और हम इस पर आपत्ति जता रहे हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि हम अंतरिम आदेश के तौर पर 3 मंदिरों को 2 दिन तक खोलने की इजाजत दे सकते हैं, क्योंकि 23 को पर्यूषण पर्व खत्म हो रहा है।
बहस ऐसे चली...
सिंघवी: आप इस तरह की अनुमति देंगे तो दूसरे लोगों के लिए भी कानून के दरवाजे खुल जाएंगे। हर राज्य में सरकार को अलग-अलग धर्म के मामले में फैसला लेने में परेशानी होने लगेगी। मैं पूछना चाहता हूं कि कल को कोई कहेगा कि आपने जैनियों को इजाजत दी थी, हमें भी दें तो आप क्या करेंगे?
चीफ जस्टिस: आप सही कह रहे हैं। इससे अदालत पर भेदभाव करने का आरोप लगेगा।
सिंघवी: महाराष्ट्र में गणपति को लेकर लोगों की भावनाएं बहुत संवेदनशील हैं।
पिटीशनर के वकील: दुष्यंत दवे ने कहा कि गणपति पूजा और पर्यूषण पर्व में फर्क है। पर्यूषण पर्व की पूजा मंदिर में होती है। यह जैनियों के लिए बहुत धार्मिक महत्व रखती है।
चीफ जस्टिस: भगवान जगन्नाथ ने हमें माफ कर दिया है। आपका भगवान भी आपको माफ कर देगा।
सिंघवी: अगर आप इस मामले में कोई आदेश देते हैं तो उसे मिसाल के तौर पर न लिया जाए।
पिटीशनर के वकील: आज कोई लॉकडाउन नहीं है। ऐसे में अगर किसी मंदिर के सामने हजारों लोग इकट्ठे हो जाएं, तो कोई कुछ नहीं कर सकता। लेकिन, मैं कोर्ट को भरोसा देता हूं कि हर मंदिर कोर्ट को एक अंडरटेकिंग देगा कि सुरक्षा की सभी गाइडलाइंस का पालन किया जाएगा।