15वीं विधानसभा के 5वें सत्र के तहत दूसरी बैठक आज जारी है। सबसे पहले विभिन्न मंत्रालयों की प्रतिवेदन सदन की मेज पर रखे गए। साथ ही कई विधेयक ध्वनि मत से पास किए गए। इसके बाद कोरोना को लेकर चर्चा शुरू हुई। जो शाम 5 बजे तक की जाएगी। कोरोना के खिलाफ जंग में आयुर्वेद चिकित्सा के बारे में बोलते हुए रघु शर्मा ने कहा कि राजस्थान में जब से कोरोना आया है हम 30 लाख से ज्यादा लोगों को काढ़ा पिलाया। एक दवा का दावा हुआ था इसमें भी वही कंटेंट है।
कोरोना पर बोलते हुए रघु शर्मा ने कहा कि प्लाजमा बहुत कारगर साबित हुई है। कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव हुए व्यक्ति की एंटीबॉडी से 100 फीसदी परिणाम रहे हैं। इससे गंभीर मरीजों की भी जान बचाई गई। अब तक 211 मरीजों का प्लाजमा दिया गया है। सभी ठीक होकर गए हैं। कोरोना होने पर लोग मानसिक स्थिति खराब हो जाती है। हमने इसके लिए मेंटल हैल्थ की काउंसलिंग की व्यवस्था की गई। 8 मार्च से अब तक राजस्थान में 25 सरकारी और 10 निजी संस्थानों में जांच की सुविधा है। हमार हर दिन 46 हजार टेस्ट प्रतिदिन करने की सुविधा है।
स्पीकर सीपी जोशी की अध्यक्षता में शुरू हुई सदन की कार्यवाही।
इससे पहले गुरुवार को कार्य सलाहकार समिति की बैठक हुई। इसमें कांग्रेस और भाजपा नेता शामिल हुए। सहमति बनी कि कोरोना के खतरे को देखते हुए विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कराने का प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष के सामने रखा जाए। ऐसे में तय माना जा रहा है कि सदन में इस तरह का प्रस्ताव आ सकता है।
जमकर हुआ हंगामा
भाजपा विधायक कालीचरण सराफ द्वारा कोरोना को लेकर लगाए आरोप पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान कांग्रेस सरकार में मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, भाजपा नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और राजेंद्र राठौड़ में जमकर बहस हुई। रघु शर्मा ने इस बीच कहा कि नेता प्रतिपक्ष का बीपी की जांच कराएं। मुझे इनकी चिंता है। वहीं, शांति धारीवाल ने कहा कि सराफ आप माफी मांगे या फिर मैं आपको बाहर करने के लिए प्रस्ताव लाऊंगा। जिसके बाद भी हंगामा जारी रहा। जिसके कारण सभा आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई। जिसके बाद फिर कार्यवाही हंगामे के साथ शुरू हुई। हंगामे के बीच कार्यवाही को दूसरी बार स्थगित कर दिया गया। इसके कुछ देर बाद कुछ सेकेंड के लिए कार्यवाही हुई और 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।
कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के बीच जमकर बहस हुई।
विधानसभा में नहीं आए भाजपा के 4 विधायकों ने अपना पक्ष पार्टी के सामने रखा
विधानसभा सत्र के दौरान 14 अगस्त को सदन से गायब हुए भाजपा के चारों विधायकों ने गुरुवार को प्रदेश नेतृत्व के समक्ष अपना पक्ष रखा। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने चारों विधायकों को अलग-अलग बुलाकर बात को सुना। दोनों नेताओं ने माना कि व्हिप जारी होने के बाद बिना किसी सूचना के विधायकों का सदन से गायब होना लापरवाही है। चारों विधायकों ने अपना पक्ष रख दिया है। सभी नेताओं के साथ चर्चा करके सामूहिक निर्णय किया जाएगा।
विधायकों ने बरती हैं लापरवाही : पूनियां
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि बिना किसी जिम्मेदार व्यक्ति को जानकारी दिए सदन से ये चारों बाहर गए हैं। इस संबंध में चारों विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष और मेरे समक्ष अपना पक्ष रखा हैं। उस पर सामूहिक रूप से चर्चा करके निर्णय लिया जाएगा।
विश्वास प्रस्ताव ध्वनि मत से पास
इससे पहले 14 अगस्त को विधानसभा में गहलोत सरकार ने विश्वास मत ध्वनि मत से जीत लिया गया था। विश्वास मत प्रस्ताव पर बहस के दौरान गहलोत ने कहा था कि 'भाजपा और उनके हाईकमान ने सरकार गिराने की कोशिश की थी, लेकिन राजस्थान में सियासी घटनाक्रम का जिस तरह अंत हुआ, उससे अमित शाह को धक्का लगा।'