फेथ ग्रुप के मालिक राघवेंद्र सिंह सरकारी गवाह बने थे; मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ कार में घूमते नजर आने से चर्चा में आए थे

Posted By: Himmat Jaithwar
8/20/2020

भोपाल और इंदौर में इनकम टैक्स की फेथ ग्रुप पर कार्रवाई के बाद अब एक-एक कर कई खुलासे हो रहे हैं। चंबल इलाके के रहने वाले राघवेंद्र सिंह तोमर का पहले नाम मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया और अफसरों से जोड़कर देखा जा रहा था, लेकिन अब यह सीधे तौर पर व्यापमं से भी जुड़ने लगा है। बताया जाता है कि यह वही राघवेंद्र सिंह तोमर हैं, जो व्यापमं मामले में सरकारी गवाह बनाए गए थे। हालांकि, मामले में अधिकारी कुछ नहीं बोल रहे हैं। वे वर्ष 2012 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ गाड़ी पर बैठकर ड्राइविंग करने के बाद चर्चा में आए थे। उस समय कांग्रेस ने सीधे-सीधे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर ही आरोप लगा दिया था। ऐसे में अब इनकम टैक्स की इस कार्रवाई को राजनीतिक तौर पर भी देखा जाने लगा है।

तोमर पर मंडीदीप की फैक्ट्री में व्यापमं की परीक्षा में कुछ खास परीक्षार्थियों को प्रश्नों की जानकारी देकर तैयारी कराने के आरोप थे।
तोमर पर मंडीदीप की फैक्ट्री में व्यापमं की परीक्षा में कुछ खास परीक्षार्थियों को प्रश्नों की जानकारी देकर तैयारी कराने के आरोप थे।

मामला 2012 में चर्चाओं में आया था
कांग्रेस के पूर्व नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे ने वर्ष 2012 का एक फोटो जारी किया था। इसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ राघवेंद्र सिंह तोमर गाडी में बैठे नजर आए थे। तोमर वाहन चलाते दिखाई दे रहे थे। कटारे ने कहा था कि शिवराजजी यह साफ करें कि उनका इस व्यक्ति से क्या संबंध है। प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले में प्री-पीजी परीक्षा 2012 में इस व्यक्ति का नाम आया था। इसने अपनी मंडीदीप की फैक्ट्री में कुछ खास परीक्षार्थियों को प्रश्नों की जानकारी देकर उनके उत्तर रटाए थे। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाए थे कि मुख्यमंत्री से नजदीकियों के चलते राघवेंद्र नाम के इस शख्स को प्रदेश की एसटीएफ ने आरोपी के स्थान पर सरकारी गवाह बना लिया था। उन्होंने सवाल किए थे कि क्या एसटीएफ ने यह जानने की कोशिश भी की थी कि राघवेंद्र नाम के युवक ने कितने छात्रों को प्री-पीजी परीक्षा 2012 में प्रश्नों को लीक कर उत्तर रटाए थे और उनमें कौन-कौन थे?

वन रक्षक भर्ती परीक्षा-2013 में गवाह बनाए गए
व्यापमं द्वारा आयोजित वन रक्षक भर्ती परीक्षा-2013 में एसटीएफ ने मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, खनन कारोबारी सुधीर शर्मा, प्रापर्टी कारोबारी संतोष उर्फ राजा तोमर, पूर्व परिवहन मंत्री जगदीश देवड़ा के पीए राजेंद्र सिंह गुर्जर, बिल्डर राघवेंद्र सिंह तोमर, कांग्रेस नेता संजीव सक्सेना, अजय श्रीवास्तव, तरंग शर्मा, अजय शंकर मेहता, भूपेंद्र श्रीवास्तव, ओएसडी ओपी शुक्ला, राज्यपाल के बेटे शैलेष यादव, आईजी का भाई भरत मिश्रा, व्यापमं के चारों अफसर पंकज त्रिवेदी, नितिन महिंद्रा, अजय सेन और चंद्रकांत मिश्रा समेत 101 लोगों के खिलाफ 24 फरवरी 2015 को एफआईआर दर्ज की थी। इसमें 87 उम्मीदवार शामिल थे। इसमें राज्यपाल की ओर से हाईकोर्ट में एफआईआर को चुनौती दी गई थी। इसे बाद एसटीएफ ने राज्यपाल का नाम हटा दिया था। सीबीआई ने राज्यपाल को छोड़कर 100 लोगों के खिलाफ नए सिरे से एफआईआर दर्ज की थी।

व्यापमं से जुड़ी मुख्य बातें

  • 2009 में पीएमटी परीक्षा में गड़बड़ी के बाद कमेटी बनायी गई और 100 से ज्यादा गिरफ्तारियां हुईं।
  • 2012 में एसटीएफ का गठन किया गया।
  • 2013 में बड़े नामों के होने का जिक्र किया लेकिन, खुलासा नहीं किया।
  • पहला नाम पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा का आया।
  • उनके साथ 100 से ज्यादा नाम दर्ज हुए।
  • व्यापमं में तैयार की जा रही चार्जशीट में सिर्फ नेताओं के नहीं, बल्क‍ि बिचौलियों, छात्रों, पुलिसकर्मियों, अभिभावकों के भी नाम दर्ज हैं।
  • व्यापमं में एक-एक परीक्षा पर सरकारी अफसर, बिचौलिये और छात्रों व आवेदकों के बीच बड़े तार पाए गए थे।
  • व्यापमं के अंतर्गत पास हुए 1020 अभ्यार्थियों के फॉर्म गायब होने का मामला सामने आया।
  • आरोप थे कि नितिन महेंद्र बंद कमरे में कंप्यूटर ऑन कर रिकॉर्ड बदलने का काम करते थे।
  • एसटीएफ के मुताबिक 92,175 अभ्यार्थियों के डॉक्यूमेंट्स में बदलाव किए गए।
  • 2012 से पहले 286 छात्रों ने फ्रॉड करके पीएमटी परीक्षा पास की। कई छात्रों को निष्कासित कर दिया गया।

व्यापमं में 2012 की इन परीक्षाओं की जांच हुई
प्री-मेडिकल टेस्ट यानी पीएमटी परीक्षा प्री-पीजी परीक्षा जो राज्य स्तर पर कराई गई। फूड इंस्पेक्टर सेलेक्शन टेस्ट मिल्क फेडरेशन टेस्ट सूबेदार, सब इंस्पेक्टर भर्ती प्लाटून कमांडर भर्ती पुलिस कांस्टेबल भर्ती फॉरेस्ट सब-इंस्पेक्टर भर्ती।



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