प्रदेश के दुग्ध संघ के अंतर्गत 100 लीटर प्रतिदिन से कम दूध बेचने वाले दुग्ध पार्लर का लाइसेंस रद्द किया जाएगा। यह निर्देश पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने दिए। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में दूध का संकलन 15% बढ़ा है, लेकिन कोविड-19 के चलते बिक्री में 13% की कमी आई है। पार्लर संचालक दूध के स्थान पर अन्य सामग्रियों की बिक्री पर अधिक ध्यान देते हैं। इसके अलावा शादी, समारोह आदि का स्वरूप बदलने के कारण भी घी और दुग्ध पदार्थों के विक्रय में कमी आई है। भोपाल एवं इंदौर दुग्ध संघ द्वारा ऑनलाइन एडवांस कार्ड बनाए जा रहे हैं। गायों में एक नई बीमारी लम्पी स्किन डिसीज देखने में आई है।
पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने अधिकारियों के साथ बैठक कर कई निर्णय लिए।
घायल होने पर गौ-सेवकों का शासकीय खर्च पर होगा इलाज
मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने विभागीय अधिकारियों को ड्यूटी के दौरान घायल होने वाले गौ-सेवकों का शासकीय खर्च पर उपचार कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि गौ-सेवक टीकाकरण, पशु टैगिंग, उपचार आदि कार्यों में पशुपालन विभाग की सहायता करते हैं। यह निर्देश पशुपालन विभाग की गतिविधियों की समीक्षा के दौरान दिए गए। बैठक में अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया, राज्य को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के प्रबंध संचालक शमीमुद्दीन, संचालक रोकड़े, राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के प्रबंध संचालक एचएस भदौरिया सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद थे।
अब पशुओं को सड़क पर आवारा छोड़ने पर कार्रवाई की जाएगी। जिम्मेदारी संबंधित ग्राम पंचायत, जनपद और नगरपालिका की होगी।
गायों को आवारा छोड़ने पर होगी कार्रवाई
पशुपालन मंत्री ने कहा कि सड़क पर बैठा गौ-वंश अक्सर दुर्घटनाओं का कारण बनता है। ऐसी गायों के मिलने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसकी जिम्मेदारी संबंधित ग्राम पंचायत, जनपद और नगरपालिका की होगी।
प्रदेश में अब तक 70 लाख 49 हजार पशुओं की टैगिंग की जा चुकी है।- फाइल फोटो
70.49 लाख पशुओं की टैगिंग
प्रदेश में 16 अगस्त, 2020 तक 70 लाख 49 हजार पशुओं की टैगिंग की जा चुकी है। लगभग 52 लाख 5 हजार पशु इनाफ पोर्टल पर दर्ज किए जा रहे हैं। इसी अवधि में 35 लाख 65 हजार गौ-भैंस वंशीय पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है।
गायों में नई बीमारी हो रही
संचालक रोकड़े ने बैठक में जानकारी दी कि अनूपपुर, बालाघाट, सिवनी और मंडला जिले में गायों में एक नई बीमारी लम्पी स्किन डिसीज देखने में आई है। इस विषाणुजनित बीमारी के 51 सैंपल एसएचएडीएल भोपाल जांच के लिए भेजे गए हैं। अन्य जिलों में यह बीमारी न फैले, इसके लिए सैंपल कलेक्शन का कार्य किया जा रहा है।