देवी अहिल्या बाई की 225वीं पुण्यतिथि मंगलवार को सादगीपूर्ण तरीके से मनाई जा रही है। कोरोना के मद्देनजर इस बार पालकी यात्रा सहित सभी प्रमुख कार्यक्रम निरस्त कर दिए गए है। पिछले 100 सालों के दौरान यह पहली बार है जब पालकी यात्रा नहीं निकाली जा रही है। देवी अहिल्योत्सव समिति की अध्यक्ष व पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सभी शहरवासियों से अनुरोध किया है कि अपने घर एवं प्रतिष्ठानों में ही रहकर अहिल्याबाई का पुण्य स्मरण करें।
अहिल्योत्सव समिति के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक डागा व सचिव शरयू वाघमारे ने बताया इस साल कोरोना के कारण एक माह चलने वाले सभी आयोजन स्थगित कर दिए गए हैं, साथ ही गत 100 वर्षों से निकलने वाली पालकी यात्रा भी निरस्त कर दी गई है। हालांकि कुछ जरूरी आयोजन सीमित रूप में किए जा रहे है।
मंगलवार सुबह 6 बजे अण्णा महाराज द्वारा पार्थिव शिवलिंग का पूजन अहिल्या प्रतिमा पर किया गया। इसके बाद देवी अहिल्या माता की प्रतिमा पर माल्यार्पण किए जाने का सिलसिला प्रारंभ हुआ। भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी राजबाड़ा पहुंच माल्यार्पण किया, कांग्रेस के भी कई नेताओं ने अहिल्या बाई होलकर को याद किया। हर साल की तरह इस बार भी गोपाल मंदिर में प्रतिमा आह्वान पूजन व इंद्रेश्वर महादेव पर रुद्राभिषेक का आयोजन किया गया।
अहिल्या उत्सव पर आज आधे दिन का अवकाश रहा
अहिल्या उत्सव के चलते मंगलवार को सरकारी कार्यालयों में आधे दिन का अवकाश रहा। सरकारी ऑफिस सुबह 10.30 से दोपहर 1.30 बजे तक खुले रहे। वहीं अनंत चतुर्दशी का कार्यक्रम नहीं होने के चलते प्रशासन ने 2 सितंबर को घोषित स्थानीय अवकाश आदेश निरस्त कर दिया है, लेकिन गणेश चतुर्थी के उपलक्ष्य में 22 अगस्त को स्थानीय अवकाश रहेगा। इसी प्रकार 16 नवंबर को भाईदूज के उपलक्ष्य में स्थानीय अवकाश रहेगा।