मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को गोपालगंज के बंगराघाट पुल का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन किया। उद्घाटन कार्यक्रम 11:30 बजे होना था। इससे पहले ही मंगलवार रात को पुल का एप्रोच रोड बाढ़ के पानी के चलते टूट गई थी। करीब 50 मीटर सड़क टूटी, जिसे आनन-फानन में ठीक किया गया। उद्घाटन से करीब 30 मिनट पहले सड़क की मरम्मत पूरी हुई।
बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के अधिकारी मौके पर मौजूद थे। बड़ी संख्या में मजदूर और दो जेसीबी लगाकर सड़क को ठीक किया गया। जहां एप्रोच रोड टूटा वो इलाका सारण के पानापुर के सतजोड़ा बाजार के समीप है। गोपालगंज के बैकुंठपुर में गंडक नदी पर बना सारण बांध 7 जगह टूटा था। पुल के एप्रोच रोड पर बाढ़ के पानी का दबाव था, जिससे वह टूट गया।
6 साल में बना पुल
11 अप्रैल 2014 को मुख्यमंत्री ने 509 करोड़ की लागत से महासेतु परियोजना का शिलान्यास राजापट्टी में किया था। पुल के चालू होने से 6 जिलों की करीब 8 लाख की आबादी के आवागमन में सहूलियत होगी। इस महासेतु के चालू होने के बाद गोपालगंज, सीवान और सारण से मुजफ्फरपुर की दूरी 55 किमी, दरभंगा की दूरी 65 किमी, जनकपुर की दूरी 70 किमी कम हो जाएगी।
एक महीने पहले गोपालगंज में ही उदघाटन के 29 दिन बाद एप्रोच रोड टूटी थी
इससे पहले गोपालगंज के ही बैकुंठपुर में एक पुल उद्घाटन के 29 दिन बाद ही बह गया। यह पुल गंडक की सहायक नदी सोती पर बनाया गया था। 16 जून को इसका उद्घाटन किया गया था। इसकी लागत करीब 264 करोड़ रुपए बताई जा रही है। कंपनी वशिष्ठा ने यह पुल बनाया था। हालांकि, बिहार सरकार ने दावा किया था कि गंडक नदी पर बना सत्तर घाट पुल नहीं टूटा है। गंडक नदी में पानी का दबाव गोपालगंज की ओर ज्यादा है। इस कारण पुल के एप्रोच रोड का हिस्सा कट गया है। इससे छोटे पुल को कोई नुकसान नहीं हुआ है।