राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट खेमे की वापसी के विरोध पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को जवाब दिया। उन्होंने कहा कि हमारे विधायकों का परेशान होना स्वाभाविक है। जिस तरह से यह प्रकरण हुआ और जिस तरह से वे (पायलट खेमे के विधायक) एक महीने तक रहे, यह स्वाभाविक था। मैंने उन्हें समझाया है कि कभी-कभी हमें सहनशील होने की आवश्यकता होती है यदि हमें राष्ट्र, राज्य, लोगों की सेवा करनी है। खासकर लोकतंत्र को बचाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमारे जो दोस्त चले गए थे वे अब वापस आ गए हैं। मुझे उम्मीद है कि हम अपने सभी मतभेदों को दूर करेंगे और राज्य की सेवा करने के अपने संकल्प को पूरा करेंगे।' दरअसल, जैसलमेर में मंगलवार को विधायक दल की बैठक में पायलट खेमे की वापसी का विरोध किया गया था।
गहलोत खेमे के विधायकों ने कहा- बागियों को न सरकार में जगह मिले, न संगठन में
विधायक दल की बैठक में विधायकों ने दो टूक कहा कि पायलट गुट और प्रियंका गांधी के बीच चाहे जो समझौता हुआ हो, लेकिन बागियों को न तो सरकार में लिया जाए, न ही संगठन में। बैठक में गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र और कांग्रेस को बचाना है इसलिए सीने पर पत्थर रखकर सबकी बात सुनी है। पर्यवेक्षक रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बागी विधायकों की वापसी बिना शर्त हुई है। कोई दरवाजे पर आता है तो हम उनको मना नहीं कर सकते।
लाइव अपडेट्स
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत करीब साढ़े चार माह के बाद जैसलमेर से बुधवार को अपने गृह नगर जोधपुर आएंगे। यहां वे कोरोना की समीक्षा करेंगे। इससे पहले उनका रक्षाबंधन पर आने का कार्यक्रम था।
- पायलट खेमे के विधायक आज शाम को जयपुर पहुंचेंगे। उन्हें लाने के लिए 4 चार्टर्ड और एक बोइंग विमान भेजा गया है।
गहलोत ने कहा था- खफा विधायकों का दिल जीतूंगा
- गहलोत ने मंगलवार को कहा था कि सीएम होने के नाते यह मेरी जिम्मेदारी है कि अगर मेरे विधायक मुझसे खफा हैं तो मैं उनका दिल जीतूं। मैं कोशिश करूंगा कि यह पता लगा सकूं कि उनसे क्या वादे किए गए थे और वो क्यों शिकायत कर रहे हैं।
- पायलट ने कहा था कि गहलोत बड़े हैं। सम्मान करता हूं, लेकिन काम के मुद्दे उठाने का हक है। मुद्दा यह नहीं कि मैं किसी का कितना विरोध करता हूं, लेकिन ऐसी भाषा इस्तेमाल नहीं करता। सार्वजनिक तौर पर बोलते वक्त लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए।