गहलोत सरकार में बागियों की वापसी किस फॉर्मूले पर हुई है, यह खुलासा अभी नहीं हुआ है, लेकिन अब मंत्रिमंडल और संगठन में होने वाले फेरबदल से ही पता चलेगा कि प्रियंका और पायलट के समझौते का फॉर्मूला क्या रहा। इस सियासी संघर्ष में पायलट के साथ गए रमेश मीणा और विश्वेंद्र को कैबिनेट मंत्री पद गंवाना पड़ा तो मुकेश भाकर, अभिमन्यु चौधरी और राकेश पारीक संगठन से बाहर कर दिए गए।
बड़ा सवाल यह है कि क्या मंत्रिमंडल विस्तार और संगठन में इन लोगों को वापस जगह मिलेगी? पार्टी सूत्रों का कहना है कि इन्हें सरकार में जगह तो मिल सकती है लेकिन वही नहीं, जो पहले थी। अब जबकि सियासी संकट खत्म हो चुका है तो गहलोत कैंप में बैठे विधायक इस जीत की एवज में पुरस्कार की आस लगाए बैठे हैं। माना जा रहा है कि गहलोत 14 अगस्त के विधानसभा सत्र के बाद मंत्रिमंडल विस्तार कर सकते हैं।
पायलट खेमे को जगह देना गहलोत की मजबूरी होगा
राज्यसभा चुनावों में ही गहलोत खेमे को मंत्रिमंडल से लेकर राजनीतिक नियुक्तियों के वादे किए जा चुके हैं। सवाल यह है कि अपने साथ एक माह तक बाड़े में रहे इन विधायकों की जगह गहलोत क्या पायलट खेमे को तरजीह देंगे। पायलट भले ही कह रहे हैं कि समझौते में पद की कोई शर्त नहीं है लेकिन सूत्रों का कहना है कि पायलट खेमे के विधायकों को सरकार में एडजेस्ट करना गहलोत की मजबूरी होगी।
फिर दो डिप्टी सीएम का फॉर्मूला संभव
मौजूदा समय में सरकार में सीएम सहित 22 मंत्री हैं। ये 30 हो सकते हैं। यानी 8 मंत्रियों के लिए अभी जगह खाली है। पायलट के साथ 18 कांग्रेसी विधायक हैं तो गहलोत के साथ 102 विधायक हैं। अपनी पहली सरकार में गहलोत दो डिप्टी सीएम का फॉर्मूला आजमा चुके हैं। पायलट, रमेश मीणा और विश्वेद्र के सरकार से बाहर होने के बाद ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पीडब्लूडी, खाद्य आपूर्ति, आपदा प्रबंधन और पर्यटन में कैबिनेट मंत्री पद खाली हैं। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा भी प्रदेशाध्यक्ष बन चुके हैं ऐसे में शिक्षा महकमे के लिए भी नए चेहरे को मौका मिलेगा।
गहलोत खेमा बोला- बागियों को न सरकार में जगह मिले, न संगठन में
पायलट खेमे के जयपुर लौटने के बाद अब जैसलमेर में सीएम गहलोत की ओर से की गई बाड़ाबंदी भी बुधवार को खत्म हो जाएगी। माना जा रहा है कि इन विधायकों को सीएम अशोक गहलोत जयपुर लाएंगे। इसलिए वे मंगलवार को जैसलमेर पहुंच गए और विधायक दल की बैठक ली।
बैठक में विधायकों ने दो टूक कहा कि पायलट गुट और प्रियंका गांधी के बीच चाहे जो समझौता हुआ हो, लेकिन बागियों को न तो सरकार में लिया जाए, न ही संगठन में। बैठक में गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र और कांग्रेस को बचाना है इसलिए सीने पर पत्थर रखकर सबकी बात सुनी है। पर्यवेक्षक रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बागी विधायकों की वापसी बिना शर्त हुई है। कोई दरवाजे पर आता है तो हम उनको मना नहीं कर सकते।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जैसलमेर में विधायक दल की बैठक की। गहलोत खेमे के सभी विधायक बुधवार को जयपुर लौटेंगे।